दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की 27 साल बाद सत्ता में वापसी हुई है. रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया गया है, तो वहीं विजेंद्र गुप्ता का नाम विधानसभा स्पीकर के लिए तय हो गया है. ये बेहद दिलचस्प है, क्योंकि आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान अक्सर ऐसी तस्वीरें आईं जब सरकार का विरोध करने पर विजेंद्र गुप्ता सदन से बाहर निकाला गया. कई बार तो मार्शलों ने कंधों पर उठाकर उन्हें सदन से बाहर किया.
विजेंद्र गुप्ता को एक नहीं बल्कि कई बार सदन से बाहर किया गया है. 2015 में आम आदमी पार्टी की लहर में बीजेपी को दिल्ली में महज तीन सीटें ही मिली थीं, जिसके बाद भी बीजेपी ने विपक्ष की भूमिका निभाने में कोई कमी नहीं छोड़ी थी. विजेंद्र गुप्ता तब विधायक थे और वो मुद्दे उठाते थे.
मार्शल ने बाहर निकाला
साल 2017 में विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता कथित जमीन घोटाले के दस्तावेज लेकर पहुंचे थे और वो सदन में उसपर बहस की मांग कर रहे थे. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी इजाजत नहीं दी. बीजेपी का स्थगन प्रस्ताव भी खारिज कर दिया गया. इसके बाद भी बीजेपी का हंगामा जारी रहा तो स्पीकर ने पहले विजेंद्र गुप्ता का माइक बंद कराया और चुप रहने की चेतावनी दी. जब वो नहीं माने तो उन्हें मार्शल के जरिए बाहर निकाल दिया गया.
रोहिणी सीट से चुनकर आते हैं विजेंद्र गुप्ता
विजेंद्र गुप्ता आप की लहर में भी खुद की सीट बचाने में कामयाब रहे थे, जिस वक्त दिल्ली में बीजेपी की महज 3 सीटें थीं उनमें गुप्ता की भी एक सीट थी. वे 2015, 2020, 2025 में लगातार रोहिणी से चुनकर आए हैं. 2020 में भी विजेंद्र गुप्ता ने रोहिणी की सीट पर 12 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी.
2015 से लगातार विपक्ष में बैठकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ आवाज उठाने वाले विजेंद्र गुप्ता अब स्पीकर की कुर्सी पर विराजेंगे. जिस कुर्सी से उन्हें सदन से बाहर निकालने के आदेश होते थे, अब वो उसी पर काबिज होंगे. अपना नाम फाइनल होने के बाद विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि सबसे पहले वो कैग रिपोर्ट सदन में पेश करूंगा, जिन्हें पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार ने लंबित रखा है.
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