वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर बुधवार को संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की बैठक हुई है. इस दौरान वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट 14 से 11 वोटों से पारित हो गई है. वहीं, संसदीय समिति के सदस्यों को अपनी असहमति प्रस्तुत करने के लिए आज शाम 4 बजे तक का समय दिया गया है. समिति में विपक्षी दलों ने अपने असहमति नोट जमा कर दिए हैं. कल रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंपी जाएगी.
विपक्षी सांसदों ने क्या लगाए आरोप?
जेपीसी की बैठक पर कांग्रेस सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने कहा, ‘कई आपत्तियां और सुझाव आए थे जिन्हें इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है. सरकार ने अपने अनुसार रिपोर्ट बनाई है. असंवैधानिक संशोधन लाए गए हैं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को नुकसान पहुंचाया गया है. अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए संशोधन लाए गए हैं.’
कांग्रेस सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद ने कहा, ‘जब एक निर्वाचित नेता खुद को शासक समझने लगता है, तो वह अपने अहंकार में ऐसे फैसले लेने लगता है.’ शिवसेना-यूबीटी सांसद ने कहा, ‘हमने असहमति नोट दिए हैं क्योंकि उन्होंने ऐसे संशोधन किए हैं जो संविधान के खिलाफ हैं. सभी विपक्षी दल असहमति नोट दे रहे हैं.’
डीएमके सांसद ए राजा ने कहा, ‘ड्राफ्ट रिपोर्ट को जल्दबाजी में अपनाया गया है. कल रात हमें 9.50 बजे तक ड्राफ्ट रिपोर्ट मिल गई, चेयरमैन कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि हम रात भर में असहमति नोट जमा कर देंगे.’ आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘हमने जेपीसी चेयरमैन के सामने अपना विचार प्रस्तुत किया है जो ड्राफ्ट रिपोर्ट का हिस्सा है और इस पर मीडिया में चर्चा नहीं की जा सकती.’
विधेयक को लोकसभा में किरेन रिजिजू ने किया था पेश
बैठक से पहले कई विपक्षी सांसद अपने एजेंडे पर चर्चा करने के लिए मिले थे क्योंकि उनमें से कई समिति की सिफारिशों के खिलाफ अपनी असहमति की तैयारी कर रहे थे. वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से लोकसभा में पेश किए जाने के बाद 8 अगस्त 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था. विधेयक का उद्देश्य वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करना है, ताकि वक्फ संपत्तियों के रेगुलेटिंग और मैनेजिंग में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों का समाधान किया जा सके.
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