उत्तर प्रदेश के मथुरा रेलवे स्टेशन से एक ढाई साल की बच्ची को किडनैप कर लिया जाता है. बच्ची की मां जीआरपी थाने में शिकायत दर्ज कराती है. पुलिस एक्शन लेती है और एक महिला समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लेती है, लेकिन जिस बच्ची की किडनैपिंग के मामले में महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा. वह बच्ची आरोपी बताई जा रही महिला की ही थी. महिला के लाख कहने पर कि वह उसी की बच्ची है. फिर भी उसे जेल भेज दिया गया.
महिला और उसके साथ 4 लोग 15 महीने से जेल काट रहे हैं. महिला अपनी ही बच्ची के चोरी के इल्जाम में जेल की सलाखों के पीछे है. इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब इस मामले में महिला एंव बाल कल्याण समिति ने दखल दी और बच्ची का डीएनए कराया गया. डीएनए रिपोर्ट में बच्ची आरोपी महिला की ही निकली. इसके बाद मामले में बड़ी लापरवाही की पोल खुली.
अपनी ही बेटी की चोरी का आरोप
दरअसल ये मामला साल 2023 का है, जब जनवरी में फूलवती नाम की महिला मथुरा रेलवे स्टेशन पर सो रही थी और वहीं से उसकी बेटी को किसी ने किडनैप कर लिया. महिला ने जीआरपी थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने 9 महीने बाद महाराष्ट्र की रहने वाली हिना चौहान को बच्ची के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. उसके साथ 4 और लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया.
दोनों महिलाओं का डीएनए टेस्ट
हिना चौहान ने पुलिस से कई बार कहा कि वह बच्ची उसी की है, लेकिन पुलिस ने उसकी नहीं सुनी. वहीं राजकीय रेलवे पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाली महिला फूलवती भी उस बच्ची को अपना बता रही थी. ऐसे में बच्ची का डीएनए टेस्ट कराया गया. दोनों महिलाओं का सैंपल डीएनए टेस्ट के लिए लैब भेजा गया. रिपोर्ट आने तक बच्ची को बाल शिशु गृह में रखा. फिर नवंबर 2024 में डीएनए रिपोर्ट सामने आई, जिसमें बच्ची की मां हिना चौहान ही थी.
महिला को 15 महीने काटनी पड़ी जेल
इस तरह एक बेगुनाह महिला को और उसके साथ 4 लोगों को बेवजह जेल काटनी पड़ रही है. साथ ही एक मासूम बच्ची भी अपनी मां से 15 महीने से दूर है. अब जीआरपी की नई टीम का गठन किया गया, जिसे किडनैप हुई बच्ची को तलाशने के लिए लगाया गया. इसके अलावा इस मामले में लापरवाही करने वाली टीम पर भी कार्रवाई की जाएगी.
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