बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी ठहराया जा चुका डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर पैरोल पर जेल से बाहर आ गया है. अधिकारियों के अनुसार, वह मंगलवार सुबह जेल से बाहर आ गया. 2017 में दोषी ठहराए जाने के बाद पहली बार वह सिरसा स्थित डेरा जाएगा. पिछली पैरोल या फरलो के दौरान उसे केवल उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित अपने आश्रम में जाने की अनुमति थी.
राम रहीम को प्रशासन ने गुप-चुप तरीके से मंगलवार सुबह 5 बजकर 26 मिनट पर जेल से बाहर निकाला. इस दौरान कड़ी सुरक्षा देखने को मिली है. माना जा रहा है इस बार गुरमीत राम रहीम सिरसा स्थित डेरे में रहेगा.
राम रहीम के वकील जितेंद्र खुराना ने कहा, ‘कानून के तहत उन्हें आज 30 दिन की पैरोल दी गई है. पैरोल के बाद वे सुबह सिरसा स्थित डेरा आश्रम पहुंचे. कानून के मुताबिक, एक साल में 70 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो दी जा सकती है. इसे किसी चुनाव या राजनीतिक आयोजन से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.’
राम रहीम ने की अनुयायियों से ये अपील
पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद गुरमीत राम रहीम ने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से अनुयायियों के नाम एक संदेश जारी किया है और उन्हें जानकारी दी है कि इस बार वो जेल से बाहर आने के बाद सिरसा के आश्रम में ही रहेगा. गुरमीत राम रहीम ने अपने अनुयायियों से अपील की है कि वो सिरसा न आएं और जैसा डेरे के सेवादारों की और से उन्हें कहा जाए उसका पालन करें.
इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में राम रहीम जेल से बाहर आया था. चुनाव आयोग की ओर से पैरोल के अनुरोध को मंजूरी दिए जाने के बाद वह जेल से बाहर आया था. पिछले 12 महीनों में यह उसकी चौथी अस्थायी रिहाई है और चार साल पहले दोषी ठहराए जाने के बाद से उसकी कुल रिहाई 16 हो गई हैं. राम रहीम हरियाणा और पंजाब में काफी प्रभाव रखता है. उसकी पिछली फरलो और पैरोल लगातार तमाम चुनावों के साथ-साथ हुई हैं, चाहे वह नगर निकाय या राज्य विधानसभा के चुनाव हों.
राम रहीम पंजाब, हरियाणा और लोकसभा चुनाव से पहले आया बाहर
पिछले साल 13 अगस्त को 21 दिन की छुट्टी मिलने के बाद राम रहीम 2 सितंबर को सुनारिया जेल वापस आ गया था. 19 जनवरी को राम रहीम को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पैरोल मिली थी, जिससे चुनावी कार्यक्रमों के साथ-साथ रिहाई का चलन जारी रहा था. इससे पहले वह 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान 21 दिन जेल से बाहर रहा था. वहीं, हरियाणा नगर निगम चुनावों से ठीक पहले 17 जून, 2022 को एक और बार जेल से बाहर आया था.
2017 में गुरमीत राम रहीम सिंह को अपनी दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार करने के आरोप में दोषी ठहराया गया था और 20 साल की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, उसे और चार अन्य को मई में हाई कोर्ट ने संप्रदाय के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की 2002 की हत्या के मामले में बरी कर दिया था.
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