तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. जहां एक शख्स अपनी मां के शव को साइकिल पर रखकर 18 किलोमीटर तक ले गया. हालांकि पुलिस को इसकी सूचना मिलने पर शख्स की त्वरित मदद की गई. जानकारी के मुताबिक, शख्स की मां की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
तिरुनेलवेली सरकारी मेडिकल कॉलेज सरकारी अस्पताल में इलाज करा रही एक 65 वर्षीय महिला की मौत हो गई और उसका बेटा अपनी मां के शव को 18 किलोमीटर तक ले गया. इसकी जानकारी मिलने पर लोगों का मन बहुत दुखी है.
56 वर्षीय शिवकामियाम्मल तिरुनेलवेली जिले के पास नंगुनेरी में उत्तरी मीनावन पूल में रहती थीं. उनके 3 बेटे थे, कहा जाता है कि दूसरे बेटे की पहले ही मौत हो चुकी है. पहला बेटा अपने परिवार के साथ कहीं और रह रहा था, वहीं तीसरा बेटा बालन अपनी मां शिवाकामियाम्मल की देखभाल कर रहा था.
अस्पताल से नहीं मिली मदद
शिवकामियाम्मल मानसिक रूप से परेशान थीं और उनका तिरुनेलवेली सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा था. जानकारी के मुताबिक, बालन को कुछ साल पहले सिर पर चोट लगी थी और वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है. ऐसे में 65 साल की सिवाकामियाम्मल उसको खाना खिलाकर बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मदद कर रही थी.
कुछ दिन पहले शिवकामियाम्मल खुद बीमार पड़ गईं और उन्हें तिरुनेलवेली सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. ऐसे में परसों शिवाकामियाम्मल की हालत बिगड़ती जा रही थी. अस्पताल के डॉक्टरों ने बालन को मदद के लिए किसी और को लाने के लिए कहा. शिवकामी की मृत्यु तब हुई जब बालन मां को बिना किसी की मदद के बाहर ले आया.
शव को लेकर 18 किमी तक चलाई साइकिल
इसके बाद, बालन को यह नहीं पता था कि शिवगामी के शव के साथ क्या किया जाए. उसने अस्पताल से 18 किमी तक साइकिल चलाई मां के शव को लेकर गया. इसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने एंबुलेंस बुलाई और उसे वापस तिरुनेलवेली अस्पताल ले गई. इसके बाद, उन्होंने पहले बेटे सावरीमुथ को सूचित किया और फिर शिवकामियाम्मल का शव सौंप दिया.
पुलिस ने सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सराहनीय काम किया. यदि ऐसा नहीं हुआ होता, तो बालन अभी भी कुछ समय और अपनी मां के शव के साथ साइकिल से जा रहा होता.
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