जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा आयोजित तिरंगा रैली में कई छात्र और शिक्षक शामिल हुए थे. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जिले के शिक्षा विभाग को छात्रों और शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित करने का आदेश दिया था. अब इस मुद्दे को लेकर सूबे की सियासत गरमा गई है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने आरोप लगाया है कि सूबे की सरकार छात्रों को एबीवीपी के वैचारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मजबूर कर रही है. पीडीपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस पर शिक्षा को प्रोपगैंडा के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. पीडीपी के अलावा, पुंछ में आदिवासी छात्रों के एक प्रमुख संगठन ने भी इस घटना की जांच की मांग की है.
तिरंगा रैली में स्कूली बच्चों के शामिल होने पर विवाद
डीसी पूंछ ने जिले के भी सरकारी और निजी स्कूलों को आदेश जारी कर एबीवीपी द्वारा आयोजित तिरंगा रैली में स्कूली बच्चों की हाजरी सुनिश्चित करने का ऑर्डर देकर न सिर्फ खुद बल्कि उमर को भी विवादों के कटघरे में खड़ा किया हैं. हालांकि उमर अब्दुल्लाह सरकार में उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने इस ऑर्डर को गलत ठहराया है. उन्होंने कहा है कि डीसी ने जो ऑर्डर निकाला हैं वह गलत निकाला हैं , यह हमारा दिन हैं, यह हम सब के लिए हैं, हिंदुस्तान सबका हैं, यह झंडा सबका हैं किसी एक का नहीं हैं, अगर कोई राजनीतिक दल यह कहे कि यह सब हमारा ही हैं तो हम यह मानने को तैयार नहीं. उनके अनुसार स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर शहीदों के याद किया जाता हैं और अगर किसी ने यह ऑर्डर निकाला हैं यह गलत हैं.
अभी यह विवाद सुलझा नहीं था कि आज फिर डिस्ट्रिक्ट यूथ सर्विस एंड स्पोर्ट्स कार्यालय डोडा ने एक ऑडर जारी कर एबीवीपी द्वारा आयोजित कब्बड्डी प्रतियोगिता में 4 अधिकारियों को इस मुकाबले के सही तरीके से समापन के लिए नियुक्त किया है, जिस पर एक बार फिर महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है.
इल्तिजा मुफ्ती ने साधा उमर सरकार पर निशाना
इल्तिजा ने अपनी पोस्ट में कहा है कि एनसी सरकार के तहत जम्मू-कश्मीर के शिक्षा विभाग ने पुंछ के निजी और सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए ABVP द्वारा आयोजित रैली में भाग लेना अनिवार्य कर दिया है. ABVP RSS से जुड़ी छात्र शाखा है जो मुस्लिम विरोधी कट्टरता को सामान्य बनाती है. छात्रों को वैचारिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए मजबूर करके शिक्षा को प्रचार के साधन के रूप में इस्तेमाल करना अस्वीकार्य है.
एक और पोस्ट में उन्होंने कहा कि एनसी सरकार गलत आरक्षण नीति को तर्कसंगत बनाने या पारदर्शी भर्ती सुनिश्चित करने का विकल्प नहीं चुनती है. इसके बजाय वो जम्मू-कश्मीर के स्कूलों में ABVP के कार्यक्रमों की सुविधा दे रहे हैं. मुस्लिम विरोधी कट्टरपंथी छात्र संगठन को अब इंडोर स्पोर्ट्स स्टेडियम डोडा में कबड्डी टूर्नामेंट आयोजित करने की अनुमति दी जा रही है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.