हिन्दू धर्म में वास्तु शास्त्र में न सिर्फ दिशाओं के महत्व के बारे में बताया गया है बल्कि व्यक्ति के रोजाना के दैनिक जीवन के नियमों के बारे में भी बताया गया हैं. हमारे समाज में कई लोगों की ऐसी आदत होती है वे दूसरों से चीजें मांगकर इस्तेमाल करते हैं. वास्तु शास्त्र के नियम के मुताबिक, इस तरह दूसरों की चीजों का लेना और देना शुभ नहीं माना जाता है. जो लोग दूसरों की चीजों को मांगकर अपने लिए इस्तेमाल करते हैं उनके अंदर नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाता है. व्यक्ति के अंदर नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश के कारण उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार जब लोग एक दूसरे की चीजों का आदान-प्रदान करते हैं तो उनके अंदर एक दूसरी की ऊर्जाओं का भी प्रवेश हो जाता है. इस नकारात्मक ऊर्जा के कारण व्यक्ति को कई तरह की नई मुसीबतें आने लगती हैं. वास्तु के अनुसार ऐसी कौन-कौन सी चीजें होती है जिनका लेन-देन करने से बचना चाहिए.
आभूषण का लेन-देन
खासतौर पर यह अक्सर देखा जाता है कि महिलाएं किसी पार्टी, पूजा-पाठ, धार्मिक आयोजनों और विवाह कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए ड्रेस से मैचिंग करने के चक्कर में दूसरों के गहने को मांगकर पहन लेती हैं. वास्तु शास्त्र में दूसरों के आभूषण को मांगकर पहना वर्जित माना गया है. इससे ग्रहों पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे पहनने वालों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगता है. सेहत पर बुरा असर देखने को मिलता है.
नमक
वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी भी सूर्यास्त के बाद न तो किसी से नमक को उधार में लेना चाहिए और न ही देना चाहिए. वास्तु में नमक उधार देने पर घर से सुख-समृद्धि चल जाती है.
जूते-चप्पल का लेन-देन
वास्तु शास्त्र में जूते-चप्पल का आदान-प्रदान करना शुभ नहीं माना जाता है. कभी भी किसी दूसरे का जूता या चप्पल को उधार मांगकर नहीं पहनना चाहिए. जो लोग जूते-चप्पल उधार मांगकर पहनते उनके जीवन में दरिद्रता आती है. ऐसा करने से दूसरे की नकारात्मक ऊर्जाएं खुद पर सवार हो जाती हैं.
कंघा
कई लोग दूसरों का इस्तेमाल किया हुआ कंघा प्रयोग में लेने लगते हैं. इस आदत से सेहत को नुकसान तो होता ही है साथ ही इसका किस्मत से कनेक्शन भी होता है.
पेन और पुस्तकों का लेन-देन
पुस्तकों और पेन से विद्या आती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी भी पुस्तक को न उधार मांगकर पढ़ना चाहिए और न ही उधार देना चाहिए. पुस्तकों को देने से ज्ञान के प्राप्ति में बाधाएं आती हैं.
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