पाकिस्तान के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे कासोमवार को आधिकारिक तौर पर उद्घाटन हो गया. ये एयरपोर्ट पाक के सदाबहार दोस्त चीन की मदद से बनाया गया है. एयरपोर्ट बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर में स्थित है, 42 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से बनी इस परियोजना को चीन-पाकिस्तान CPEC (China-Pakistan Economic Corridor project) के तहत बनाया गया है.
नया ग्वादर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दोनों देशों के व्यापार और क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा. बता दें , ग्वादर पाकिस्तान का एक बंदरगाह शहर जिसके जारिए चीन गल्फ ऑफ ओमान और अरेबियन सी में अपनी पकड़ मजबूत कर सकता है.
चीनी मीडिया ग्रुप (CMG) के मुताबिक पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की पहली फ्लाइट PIA503 कराची से ग्वादर एयरपोर्ट 11:14 मिनट पर पहुंची. जहां पाकिस्तानी अधिकारियों ने उद्घाटन समारोह में यात्रियों का स्वागत किया और पहली फ्लाइट की लैंडिंग के समय उसे वाटर सेल्यूट दिया गया.
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है एयरपोर्ट
चीनी मीडिया के मुताबिक यह हवाई अड्डा 4F ग्रेड की अत्याधुनिक सुविधा है, जिसे बड़े पैसेंजर प्लेन को संभालने के लिए बनाया गया है. इसका 3,658 मीटर लंबा, 75 मीटर चौड़ा रनवे इंजीनियरिंग स्टैंडर्ड के लिए एक बेंचमार्क बनेगा.
ये एयरपोर्ट तटीय क्षेत्र में स्थित है और नमक भरी हवाओं का सामना करता है. जो संभावित रूप जंक और धूल की वजह बन सकता है. एक चीनी तकनीशियन के मुताबिक निर्माण टीम ने कई पहलुओं, जैसे कि नींव, स्टील संरचनाओं और सजावट में जंक-रोधी उपाय किए हैं, जिसका मकसद टर्मिनल को लंबे समय तक सुरक्षित करना है.
भारत के लिए चिंता का विषय
ग्वादर बंदरगाह ईरान की चाबहार पोर्ट से कुछ घंटों की दूरी पर है. भारत ईरान की चाबहार पोर्ट का संचालन करता है और इसमें बड़े पैमाने पर निवेश किया है. इस एयरपोर्ट के बनने से इस क्षेत्र में चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर अपना व्यापार बढ़ाएगा, जो भारतीय कंपनियों के लिए प्रतिस्प्रदा और चुनौती लेकर आ सकता है.
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