जबलपुर। रांझी थाना क्षेत्र के रक्षा नगर कालोनी निवासी कुसुमलता (61) को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 35 लाख रुपये ऐंठ लिए। दो दिन बाद रविवार को पीड़िता पति के साथ पुलिस के पास पहुंची और घटना की शिकायत दर्ज कराई है।
पीड़ित बुजुर्ग महिला के पति गोकुलचंद आर्मी बेस वर्कशाप के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। 14 जनवरी को महिला के मोबाइल पर फोन आया। बात करने वाले ने स्वयं को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का अधिकारी बताया।
उसने क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि जमा नहीं होने की जानकारी दी, साथ ही उनके बैंक खाते से मनी लांड्रिंग होने का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्रवाई आरंभ करने की जानकारी दी। यह सुनकर महिला घबरा गई। यह भांपते ही साइबर ठगों ने अपना खेल शुरू कर दिया।
पुलिस, अधिवक्ता देखकर घबरा गई
आरोपितों ने 14 और 15 जनवरी को महिला को वीडियो कॉल किया। पहले एसबीआई अधिकारी बनकर बात की। फिर उन्हें मनी लांड्रिंग केस में कार्रवाई करने की बात कही। इस दौरान आरोपितों ने पुलिस और अधिवक्ता जैसा वेश धारण किया था।
पुलिस थाने जैसा दृश्य दिखाया। आरोपितों ने पुलिस और अधिवक्ता बनकर मनी लांड्रिंग मामले में उनके विरुद्ध शीघ्र गिरफ्तारी वारंट जारी होने का भय दिखाया। दो दिन में कई बार फोन कर आरोपितों ने दबाव बनाया।
जब महिला भयभीत हो गई तो आरोपितों ने मामला बंद करने और जेल जाने से बचाने के लिए 35 लाख रुपये मांगे। यह भी कहा कि वह किसी को कुछ न बताए।
खाते में जमा थे सेवानिवृत्ति में मिले रुपये
महिला के पति हाल ही में शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त हुए हैं। सेवानिवृत्ति पर प्राप्त राशि उनके बैंक खाता में जमा थी।
35 लाख भेजने के बाद भी और मांगे तो संदेह हुआ
आरोपितों के गिरफ्तारी के दिखाए गए भय से बचने के लिए 16 जनवरी को महिला पंजाब नेशनल बैंक पहुंची। यहां से आरोपितों के बताए बैंक खाते में आरटीजीएस के माध्यम से 35 लाख रुपये भेजे। ये राशि प्राप्त होने के बाद आरोपित उसे और रुपये भेजने का दबाव बनाने लगे। तब महिला ने स्वजन को जानकारी दी और पुलिस से शिकायत की गई।
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