संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) जब से शुरू हुआ है, तभी से सुंदर साध्वी के नाम से हर्षा रिछारिया (Harsha Ricchariya News) खूब चर्चा में हैं. खूबसूरत तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग उनके बारे में जानने के लिए बेताब हो रहे हैं. अब हर्षा के माता-पिता ने हाल ही में एक इंटरव्यू में उनकी जिंदगी के अनछुए पहलुओं को साझा किया है. मां ने 21 साल पहले की वो कसम याद की जो हर्षा ने कुंभ के दौरान खाई थी.
मूल रूप से एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली हर्षा रिछारिया ने बीबीए की पढ़ाई की है और एंकरिंग का कोर्स भी किया है. एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उनके पिता दिनेश रिछारिया ने बताया कि वे पहले बस कंडक्टर की नौकरी करते थे. उज्जैन कुंभ 2004 के बाद उनका झुकाव आध्यात्म की ओर हुआ और अब वे भोपाल में स्थायी रूप से बस गए हैं.
केदारनाथ की यात्रा
हर्षा की मां किरण रिछारिया घर से बुटीक चलाती हैं. इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि हर्षा का झुकाव बचपन से ही धर्म और आध्यात्म की ओर था. हर्षा ने 3 साल पहले केदारनाथ की यात्रा के दौरान अपने जीवन को बदलने की इच्छा जताई थी. इसके बाद से उन्होंने उत्तराखंड के ऋषिकेश में समय बिताना शुरू किया और समाज सेवा के लिए एक एनजीओ भी बनाया.
किनसे होगी शादी
पिता ने बताया कि उन्होंने हर्षा के लिए दो लड़के देखे हैं, एक देहरादून में और दूसरा नासिक में. वह जल्द ही हर्षा की शादी तय करेंगे. उन्होंने लोगों से अपील की कि हर्षा को साध्वी कहकर ट्रोल करना बंद करें क्योंकि उन्होंने संन्यास नहीं लिया है, बल्कि केवल गुरु दीक्षा ली है.
21 साल पुराना सपना
हर्षा की मां ने बताया कि 2004 के कुंभ मेले में पुलिस ने हर्षा को स्नान करने से रोका था. उस समय हर्षा ने कहा था कि देखना मां यह मेरा सपना है, एक दिन मैं हाथी पर बैठकर कुंभ में जरूर जाऊंगी. आज यह सपना सच होते देखकर उनकी मां भावुक हो गईं. उन्होंने यह भी बताया कि साध्वी वेश में पहली बार हर्षा को देखकर उनकी आंखों में आंसू आ गए थे.
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