हिंदू धर्म शास्त्रों में सकट चौथ का व्रत बड़ा ही विशेष माना गया है. ये व्रत हर साल माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. सकट चौथ का व्रत भगवान गणेश को समर्पित है. इस दिन व्रत के साथ ही विधि-पूर्वक भगवान गणेश की पूजाा की जाती है. मान्यता है कि जो भी सकट चौथ का व्रत करता है उसके सभी मनोरथ पूरे होते हैं.
कब है सकट चौथ का व्रत?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 17 जनवरी को यानी की कल है. कल कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि सुबह 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी. वहीं 18 जनवरी को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर ये तिथि खत्म हो जाएगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, कल सकट चौथ का व्रत रखा जाएगा. हिंदू धर्म शास्त्रों में सकट चौथ के व्रत में विशेष सावधानी बरतने की बात कही गई है. इस दिन गलतियां भूलकर भी नहीं करनी चाहिए.
न करें ये गलतियां
- मान्यताओं के अनुसार, सकट चौथ के व्रत के दिन काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए. इस दिन भूलकर भी काले कपड़े न पहने.
- सकट चौथ का व्रत चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद खोला जाता है. इसलिए चंद्रमा को अर्ध्य देते समय विशेष सावधानी रखनी चाहिए. चंद्रमा को अर्घ्य देते समय जल के छींटे पैरों में नहीं पड़ने चाहिए. ये अशुभ माना गया है.
- सकट चौथ के व्रत के दिन गणपति के पूजन के समय उन्हें तुलसी और केतकी के फूल अर्पित नहीं करना चाहिए. तुसली और केतकी के फूल अर्पित कर देने से पूजा अशुभ हो जाती है.
- सकट चौथ पर गणपति के पूजन में उनकी खंडित मूर्ति का उपयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए. ऐसा करना शुभ नहीं माना गया है.
अगर आप सकट चौथ के व्रत के दिन ऊपर बताई गई गलतियां नहीं करते हैं, तो आपके जीवन में कभी कोई नुकसान नहीं होगा. साथ ही बप्पा की कृपा हमेशा आप पर बनी रहेगी.
सकट चौथ के व्रत का महत्व
सकट चौथ का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान की आयु लंबी होती है. संतान निरोगी रहता है. इसलिए महिलाएं सकट चौथ का व्रत रखती हैं. सकट चौथ का व्रत रखने से घर में भी हमेशा सुख-समृद्धि का वास बना रहता है.
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