प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ 2025 में तमाम साधु-संत और देश-विदेश में करोड़ों लोग आस्था का डुबकी लगाने के लिए पहुंचे हैं. महाकुंभ के शुरू होते ही साध्वी हर्षा रिछारिया चर्चा में बनी हुई हैं. सोशल मीडिया पर भी हर्षा रिछारिया खूब सुर्खियां बटोर रही हैं. महाकुंभ में शीमिल होने हर्षा रिछारिया रथ पर सवार होकर पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने माथे पर तिलक और फूलों की माला पहनी थी. उन्हें महाकुंभ की ‘सबसे सुंदर साध्वी’ भी कहा जा रहा है.
हर्षा रिछारिया के गुरु कौन हैं?
हर्षा रिछारिया एक सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर हैं. वो 2 साल से साध्वी बनी हैं. हर्षा रिछारिया के गुरु आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंद गिरी जी महाराज हैं और वे निरंजनी अखाड़ा से जुड़ी हुई हैं. हर्षा साध्वी बनने से पहले मॉडल और सेलिब्रिटी एंकर भी रह चुकी हैं.
उत्तराखंड की रहने वाली हर्षा रिछारिया अभी पूर्णरूप से साध्वी नहीं बनी हैं. उनका कहना है कि वे अभी साध्वी बनने के मार्ग पर चल रही हैं और उन्हें अभी उनके गुरु देव से दीक्षा नहीं मिली है. हिंदू धर्म में नागा साधु-संत या साध्वी बनने के लिए गुरुदेव से दीक्षा लेना बहुत जरूरी होता है और अभी वह दीक्षा उन्हें नहीं मिली है.
कौन हैं स्वामी श्री कैलाशानंद गिरी जी महाराज?
स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज एक महान और तपस्वी संत हैं, जो अपने तप और विद्वता के माध्यम से देश-दुनिया में प्रचलित हैं. स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर हैं. उन्होंने लाखों नागा साधुओं और हजारों महामंडलेश्वर की दीक्षा प्रदान की है.
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