लोहा फैक्ट्री में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा, 40 घंटे में मलबा हटाया गया, एक इंजीनियर सहित चार मजदूरों की मौतलोहा फैक्ट्री में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा, 40 घंटे में मलबा हटाया गया, एक इंजीनियर सहित चार मजदूरों की मौत
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर सरगांव के रामबोड़ गांव में हुए कुसुम लोहा फैक्ट्री में एक दर्दनाक हादसा होगया, जिसमें चार लोगों की जान चली गई. हादसे में बिलासपुर शहर के सरकंडा क्षेत्र में रहने वाले एक इंजीनियर की भी मौत हो गई. मजदूरों की मौत से उनके परिवार में मातम मातम छा गया है. जानकारी के मुताबिक, 9 जनवरी 2025 को लोहा फैक्ट्री में लगा साइलो लापरवाही के कारण भड़भड़ा कर गिर गया, जिसमें कई मजदूर दब गए.
जानकारी के मुताबिक फंसे, मजदूरों में से दो को निकाल लिया गया था, जिसमें से एक मनोज घृत लहरे की पहले ही मौत हो चुकी थी. वहीं पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कड़ी मशक्कत के बाद 40 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चला. इस ऑपरेशन के बाद शनिवार को जानकारी मिली कि साइलो के नीचे दबे एक इंजीनियर के साथ दो मजदूरों के शव निकाला गया है.
चार लोगों की हो चुकी है मौत
साइलो के नीचे दबे मिले शवों की पहचान इंजीनियर बिलासपुर के सरकंडा निवासी के रूप में हुई है. वहीं दो मजदूरों की पहचान जांजगीर-चांपा जिला के तागा निवासी अवधेश कश्यप और बलौदाबाजार जिले के अकोली निवासी प्रकाश यादव के रूप में हुई है. तीनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिम्स, बिलासपुर भेजा गया है. इसके पहले एक मजदूर मनोज धृतलहरे को घायल अवस्था में घटना स्थल से निकाला गया था, जिसकी उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी. इस तरह से इस हादसे में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.
दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश
मामले में प्रबंधक और अन्य के खिलाफ केस दर्ज करने का निर्देश दिया गया. वहीं उपमुख्यमंत्री अरुण साव में भी इस मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इस पूरी कार्रवाई के दौरान कलेक्टर राहुल देव, एसपी भोजराज पटेल, बिलासपुर रेंज आईजी डॉक्टर संजीव शुक्ला और बिलासपुर एसपी रजनेश सिंह और अन्य आला अधिकारी नजरे बनाए हुए थे, लेकिन लाख जतन करने के बावजूद फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही के कारण चार परिवारों के लोगों में अपने सदस्य को खो दिया.
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