सिल्क नगरी के नाम से मशहूर भागलपुर में बुनकरों के लिए इस समय खुशियों का दौर है. प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ मेले के लिए उन्हें भारी ऑर्डर मिले हैं. इस मौके पर बुनकरों के कारोबार में रौनक लौट आई है और उनके चेहरे पर खुशी की लहर है.
महाकुंभ के आयोजन को लेकर प्रयागराज के स्थानीय लोग भागलपुर के सिल्क कारोबारियों से संपर्क कर रहे हैं. साधु-संतों और अतिथियों को भगवा रंग के कपड़े भेंट देने के लिए भागलपुर के बुनकरों से कपड़े तैयार करवाए जा रहे हैं. इन कपड़ों में भगवा गमछा, भगवा साड़ी, भगवा शर्ट और मटका सिल्क के बंडी शामिल हैं.
कारोबारियों को मिले बड़े ऑर्डर
भागलपुर के कारोबारियों को अब तक 50 से 60 लाख का ऑर्डर मिल चुका है और अनुमान है कि महाकुंभ से जुड़े कपड़ों के लिए कुल मिलाकर 5 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार होगा. इन ऑर्डरों में 15 हजार पीस साड़ी, 10 हजार पीस गमछे, एक हजार मीटर लिनन शर्ट और एक हजार मीटर मटका सिल्क के बंडी शामिल हैं.
काम में जुटे 200 बुनकर
यह कपड़े अगले 15 दिनों में तैयार होकर भेजे जाने हैं और इसके लिए चंपानगर में 200 बुनकर दिन-रात काम कर रहे हैं. इन बुनकरों ने उजले धागे से साड़ी, गमछे और अन्य कपड़े तैयार करना शुरू कर दिया है. इसके बाद इन कपड़ों को डाई किया जाता है और फिर कढ़ाई कर उन्हें अंतिम रूप दिया जाता है.
महाकुंभ के लिए बुनकरों की खुशी
नाथनगर के बुनकर तहसीन सबाब ने बताया कि महाकुंभ के लिए भागलपुर को चुने जाने से वे बेहद खुश हैं. वे कहते हैं, ‘हमें उम्मीद नहीं थी कि इतने बड़े ऑर्डर मिलेंगे, लेकिन जब यह आया तो कारोबारियों ने तय किया कि हम पहले महाकुंभ के कपड़े समय से तैयार करेंगे. खास बात यह है कि सभी कपड़ों में भगवा रंग की डिमांड है.’
कौशल कुमार, एक अन्य बुनकर ने कहा कि उन्हें 1 हजार मीटर के बंडी और लिनन शर्ट का ऑर्डर मिला है. उन्होंने बताया, ‘बिहार सरकार द्वारा आयोजित स्टॉलों के माध्यम से हमें यह ऑर्डर मिला है, और अब हम तैयार करने में जुटे हैं.’
भागलपुर सिल्क की विदेशों में भी धूम
भागलपुर का सिल्क न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी पसंद किया जाता है. यहां के बुनकर हर साल बड़े पैमाने पर सिल्क और लिनन कपड़े तैयार करते हैं, और त्योहारों के दौरान उनका कारोबार काफी बढ़ जाता है. सिल्क के साथ-साथ लीनन और विस्कॉज के कपड़ों की भी बड़ी डिमांड रहती है.
भागलपुर के बुनकरों को इस बार महाकुंभ से पहले इतने बड़े ऑर्डर मिलना एक बड़ी खुशखबरी है, जिससे न केवल बुनकरों का हौसला बढ़ा है, बल्कि उनके व्यवसाय में भी तेजी आई है.
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