पुलिस में भर्ती होने के लिए कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी जब एक युवक परीक्षा में असफल हो गया तो उसने फर्जी पुलिस आरक्षक बनकर भोले-भाले लोगों के साथ ठगी करना शुरू कर दिया. उसने लोगों को विश्वास दिलाने के लिए कि वह पुलिस वाला है शाजापुर के एक फोटो स्टूडियो से पुलिस की तरह दिखने वाला आईडी कार्ड बनवाया. उसके बाद अपने दोस्त जो कि पुलिस मे था उसके हथियारों के साथ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर डाल दी. पिछले डेढ़ साल में इस नकली पुलिस आरक्षक ने 14 लोगों के साथ लगभग 34 लाख 17 हजार रुपए की ठगी कर डाली. पुलिस ने शिकायत के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर इस धोखाधड़ी का खुलासा किया गया.
पूरे मामले की जानकारी देते हुए एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों थाना राघवी पर धोखाधड़ी की एक शिकायत मिली थी. जिसमें उज्जैन में रहने वाले फरियादी ने जगोटी गांव के रहने वाले विशाल उर्फ लखन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. खुद को पुलिस विभाग का अधिकारी बताकर फर्जी तरीके से प्राधिकरण की कॉलोनी शिवांगी परिसर में प्लॉट दिलवाने के नाम पर 13 लाख 55,000 रुपए की धोखाधड़ी करने की बात कही थी.
पुलिस ने इस मामले में विशाल को उज्जैन के रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था. पूछताछ में पता चला कि वह लगभग 14 लोगों को इस नकली वर्दी की आड़ में धोखाधड़ी को अंजाम दे चुका है. इसके बाद आरोपी के विरूद्ध थाना राघवी पर प्रकरण दर्ज किया गया.
पुलिस की वर्दी और नकली आईडी
आरोपी की गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने 14 लोगों के साथ धोखाधड़ी कबूल की. इसके साथ ही उसके पास से आधार कार्ड, एसबीआई का एटीएम कार्ड, पेन कार्ड, कर्नाटक बैंक एटीएम कार्ड, वीवो कम्पनी का एक मोबाईल और मप्र पुलिस की वर्दी में फोटो युक्त मप्र पुलिस का मोनो वाला आईडीकार्ड, नगदी 25,000 रुपये जप्त किए गए हैं. पुलिस विशाल के द्वारा बनाए गए फर्जी इंस्टाग्राम आईडी की जांच करने में भी जुटी हुई है.
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