मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को 1984 के यूनियन कार्बाइड गैस आपदा के लिए कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराया और उस पर इसके बाद जहरीले केमिकल वेस्ट के निपटान के लिए कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप भी लगाया. विपक्षी दल ने पलटवार करते हुए कहा कि राज्य में दो दशकों तक सत्ता में रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पिछली सरकारों ने कभी भी उस बंद पड़ी फैक्टरी की सफाई नहीं की, जहां केमिकल वेस्ट पड़ा था
बता दें कि यह आरोप-प्रत्यारोप पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ, जहां इस हफ्ते की शुरुआत में 337 टन यूनियन कार्बाइड वेस्ट को जलाने के लिए ले जाया गया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विदिशा जिले के लटेरी में एक समारोह में कहा कि ‘याद कीजिए कि किसके समय में भोपाल गैस त्रासदी हुई थी. यह मौत की फैक्टरी थी. लाखों लोग मारे गए, लेकिन उन्हें (कांग्रेस को) शर्म नहीं आई.
कांग्रेस सरकार ने फैक्ट्री को चलने दिया
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने खतरे के बावजूद फैक्ट्री को चलने दिया. मोहन यादव ने कहा कि उनकी सरकार 20 साल तक (त्रासदी के बाद) सत्ता में रही, लोग मारे गए, न तो उन्होंने पीड़ितों की चिंता की और न ही खतरनाक कचरे के निपटान की चिंता की, क्योंकि उनके पास आत्मा नहीं है, ये निर्दयी लोग हैं.
देश के लोगों को सुरक्षित रखेगी सरकार
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार (कचरा निपटान के संबंध में) सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए देश के लोगों को सुरक्षित रखेगी. तीन दिसंबर को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कचरे को निपटान स्थल तक पहुंचाने के लिए चार हफ्ते की समय सीमा तय की थी.
सीएम मोहन यादव पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने एक्स पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि पिछले दो दशकों में ज्यादातर समय बीजेपी सत्ता में रही है. सिंघार ने कहा कि शिवराज सिंह भी बीजेपी सरकार के मुखिया थे, तो यूनियन कार्बाइड कचरे पर कोई चर्चा क्यों नहीं हुई? मौन बाबू (मोहन यादव) को लगता है कि उनकी सरकार बीजेपी की (एकमात्र) सरकार है. वे शिवराज सिंह चौहान के चार कार्यकाल को बीजेपी सरकार नहीं मानते.
दो और तीन दिसंबर 1984 की रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक फैक्टरी से मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस लीक हुई थी, जिसमें कम से कम 5,479 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे और लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं रहीं.
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