छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से देश के पत्रकारों में गम और गुस्सा है. उनका शव बीजापुर की चट्टानपारा बस्ती में सड़क ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के फार्म हाउस के सेप्टिक टैंक में मिला. वे 1 जनवरी से गायब थे और उनके मोबाइल की लास्ट लोकेशन उसी फार्म हाउस की थी. पत्रकार मुकेश चंद्राकर अपनी साहसी पत्रकारिता के लिए जाने जाते थे. वे नक्सलियों के गढ़ में जाबांजी के साथ खबरों को सभी के सामने लेकर आते थे.
नक्सलियों से ले आए थे CRPF जवान को
पत्रकार मुकेश चंद्राकर बीजापुर के रहने वाले थे. वह नक्सलियों और स्थानीय समस्यों पर रिपोर्टिंग करते थे. उन्होंने भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी पर भी कई स्टिंग किए. बीते दिनों उन्होंने एक सडक निर्माण में हुए घोटाले को उजागर किया था. मुकेश नक्सलियों के बीच भी पत्रकारिता किया करते थे. उन्होंने अपनी पत्रकारिता के दम पर एक सीआरपीएफ जवान को नक्सलियों के चंगुल से छुड़ाया था.
साल 2021 में नक्सली हमले में 23 जवान शहीद हुए थे. इस बीच नक्सली एक जवान को अगवा कर ले गए थे. जब इसकी जानकारी मुकेश को हुई तो उन्होंने नक्सलियों से बातचीत की. वह नक्सलियों से आग्रह कर जवान को अपनी बाइक पर बैठा लाए थे.
1 जनवरी से गायब, दो दिन बाद मिला शव
जाबांज पत्रकार मुकेश चंद्राकर एक जनवरी से गायब थे. उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ जा रहा था. मुकेश का शव 3 जनवरी को सैप्टिक टैंक से बरामद हुआ. घटनास्थल एक फार्म हाउस है, जो ठेकेदार सुरेश चंद्राकर का है. आरोप है कि मुकेश चंद्राकर ने सुरेश द्वारा निर्माण कराई जा रही सड़क में हुए भ्रष्टाचार की पोल खोली थी. मुकेश के भाई युकेश चंद्राकर का आरोप है कि इसी से नाराज होकर ठेकेदार सुरेश और उसके भाई ने मुकेश की हत्या कर दी. पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं. आरोपी सुरेश के भाई सहित तीन लोगों को दिल्ली से हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने उन्हें बीजापुर लेकर आई है. उनसे पूछताछ की जा रही है.
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