राजस्थान के करौली जिले में चार नाबालिग बेटियां बाल विवाह के जाल से बाल बाल बची हैं. इन बेटियों के पिता ने इन चारों की शादी तय कर दी थी और अगले सप्ताह ही इनकी बारात आने वाली थी. इनमें बड़ी बेटी की उम्र 17 साल है. वहीं दूसरे नंबर की बेटी 15 साल, तीसरे नंबर की 14 साल और चौथी बेटी की उम्र महज 13 साल है. घर में शादी की तैयारियां चल ही रहीं थी कि एक बेटी ने पिता से बगावत कर पहले अपने टीचर को सूचित किया और फिर सामाजिक संस्था को फोन कर दिया.
इसके बाद इन चारों बेटियों की शादी रोकी जा सकी है. जानकारी के मुताबिक इन बेटियों का पिता बेरोजगार है और आर्थिक तंगी से भी जूझ रहा है. ऐसे में उसने प्रयास किया कि एक साथ चारों बेटियों की शादी कर दी जाए तो उसका काफी खर्चा बचेगा. इसी सोच के तहत उसने अपनी बेटियों की उम्र का ख्याल किए बिना ही उनकी शादी तय कर दी. उधर, चारों बेटियां इस शादी के लिए तैयार नहीं थीं और अभी पढ़ाई जारी रखना चाहती थीं. शुरू में तो यह चारों पिता की लाचारी के आगे सरेंडर कर दिया, लेकिन इसी बीच दूसरे नंबर की बेटी ने बगावत करने का फैसला किया.
एनजीओ ने रुकवाया बाल विवाह
उसने सबसे पहले अपने टीचर को बताया और फिर टीचर की ही सलाह पर ग्रामराज्य विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान नामक एनजीओ को फोन कर दिया. इस एनजीओ के पदाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर बेटियों के पिता तुला राम को समझाने की कोशिश की. इस दौरान पहले तो तुलाराम ने शादी तय होने की बात को खारिज किया, लेकिन जब एक बेटी ने पिता के मुंह पर ही पूरी बात कह दी तो पिता ने कहा कि सारी तैयारियां हो चुकी है और अगले सप्ताह बारात आनी है.
बेटी ने दिया बोझ नहीं बनने का भरोसा
इसके बाद संस्था के प्रतिनिधियों ने बाल विवाह और इसके दुष्परिणाम बताते हुए कानून का पाठ पढ़ाया. इसके बाद बेटियों के पिता ने 18 साल पूरी होने से पहले शादी नहीं करने का शपथ पत्र दिया है. इस मौके पर बगावत करने वाली बेटी ने भी अपने पिता को भरोसा दिया है कि वह उनके ऊपर बोझ नहीं बनेगी, बल्कि पढ़लिख कर उन्हें मदद करेगी. इसी प्रकार संस्था ने भी बेटियों के पिता को जल्द से जल्द कोई अच्छी सी नौकरी दिलाने का भरोसा दिया है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.