गाजा में महिलाओं की जिंदगी हो रही मुश्किल, नहीं बची प्राइवेसी, सुनाई दर्द भरी कहानी

हमास और इजराइल के बीच शुरू हुए युद्ध को एक साल से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन यह युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस युद्ध की आग में पूरा गाजा तबाह हो गया है. जहां कई लोगों की मौत हुई है, वहीं कई लोगों का हर दिन जीना मुश्किल होता जा रहा है.

इस युद्ध में लोगों के घर तबाह हो गए हैं और हजारों लोग एक साथ टेंट में रहने को मजबूर हैं. इन टेंट में रहना आसान नहीं है, महिलाओं को इन टेंट में खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन छोटे-छोटे टेंट में रहने पर महिलाओं को किसी भी तरह की प्राइवेसी नहीं मिल रही है.

महिलाओं की प्राइवेसी नहीं बची

महिलाओं को इन टेंट में कई अजनबी और दूर-दराज के रिश्तेदारों के साथ रहना पड़ रहा है. एक ही टेंट में बच्चे, महिलाएं, पुरुष एक साथ रहने पर मजबूर है. इन टेंट में महिलाओं को कपड़े बदलने के लिए कोई अलग से जगह नहीं मिल रही है, सोने के लिए कोई अलग से जगह नहीं है और उनकी प्राइवेसी मानो उन से छीन ली गई है.

महिलाओं को गाजा में जंग के हालातों में महामारी के दिनों में मेंस्ट्रुअल प्रोडक्ट (Menstrual Products) नहीं मिल रहे हैं. इसी के चलते महिलाओं को कपड़ा और फटी पुरानी शीट इस्तेमाल करनी पड़ रही हैं. साथ ही एरिया में टॉयलेट तक नहीं है.

गाजा में इन परेशानियों का सामना कर रही अला हमामी ने कहा, हमारी पूरी जिंदगी नमाज के लिए पहने जाने वाले कपड़े पहन कर गुजर रही है. अब हम इस शॉल को नहीं उतार सकते, रात को सोने से लेकर हर वक्त हम यह कपड़े पहनते हैं. हर वक्त आसपास इतने सारे पुरुषों के चलते वो हर वक्त खुद को पूरी तरह से कवर करने के लिए यह कपड़े पहनती हैं. साथ ही वो रात को सोते समय भी खुद को पूरी तरह से कवर करने वाले कपड़े पहनते हैं क्योंकि अगर रात को अचानक इजराइली हमला हो जाए तो वो फौरन भाग सके.

लाखों लोग घर छोड़ने पर मजबूर

इजराइल और हमास के बीच पिछले 14 महीने से जंग चल रही है. इजराइल की तरफ से लगातार किए गए ऑपरेशन और अटैक की वजह से 90 प्रतिशत, 2.3 मिलियन लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं. जिसमें से हजारों लोग कैंप में रहने को मजबूर हो गए हैं.

हालात इतने बुरे हैं कि लोगों के सर से सिर्फ छत नहीं छिन गई है बल्कि खाने और पीने की चीजें भी मौजूद नहीं हैं, लोग सुबह उठते ही सबसे पहले खाने की चीजों को ढूंढ रहे हैं. महीनों तक परिवार एक ही तरह के कपड़े पहन रहे हैं क्योंकि उनके पास पहनने के लिए कपड़े भी नहीं बचे हैं.

गाजा में महिलाएं आज जिन हालातों में रहने को मजबूर हैं उनकी जिंदगी उससे उलट थी, वहां महिलाएं मर्दों से पर्दा करती थी, अंजान मर्द के सामने नहीं आती थी, हिजाब और बुर्का पहना करती थी, लेकिन आज वो अजनबी मर्दों के साथ एक ही टेंट में अपने परिवार के साथ रहने को मजबूर हो गई हैं

यूएन का कहना है कि गाजा में 690,000 से अधिक महिलाओं और लड़कियों को मेंस्ट्रुअल प्रोडक्ट्स की जरूरत हैं. गाजा में महिला मामलों के केंद्र (Women’s Affairs Center) के डायरेक्टर अमल सेयम ने कहा, ऐसे भयानक हालात महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर रहे हैं.

हजारों लोगों की हुई मौत

गाजा के हेल्थ मंत्रालय के मुताबिक, इजराइल के अटैक में अब तक 45 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो गई हैं. इन अटैक में सबसे ज्यादा महिलाओं और बच्चों की जान गई हैं. वहीं, हमास के अटैक में 1200 इजराइल के नागरिकों की मौत हुई हैं.

WHO ने युद्धविराम का किया आग्रह

इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ने सोमवार को गाजा में अस्पतालों पर हमले बंद करने का आग्रह किया. उन्होंने गाजा में इजराइल के अस्पताल पर हमला किए जाने के बाद इस बात का ऐलान किया है. डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनलर टेड्रोस एडनोम घेब्येयियस ने कहा, गाजा के अस्पताल एक बार फिर जंग का मैदान बन गए हैं. एक बार फिर हेल्थ सिस्टम डर के साए में आ गया है. हम एक बार फिर दोहराते हैं कि गाजा में अस्पतालों पर अटैक करना बंद किया जाए. साथ ही उन्होंने युद्धविराम का भी आग्रह किया.

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