‘मैं मरना नहीं चाहता, अब बड़ा कदम उठाऊंगा…’, बलात्कार के आरोपी पूर्व बीजेपी नेता का वीडियो, कहा- मुझे फंसाया गया
विदिशा। भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष योगेंद्र सिंह सोलंकी एक युवती से कथित तौर पर ज्यादती का आरोप झेल रहे हैं। 20 दिन पहले पुलिस थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज हो गया है। अब उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें वह रोते हुए अपनी बात रखते दिख रहे हैं।
उन्होंने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि उन्हें षड्यंत्र करके फंसाया गया है। उन्होंने रोते हुए परिजन से कहा है कि अब वे कुछ बड़ा करने वाले है। मुझे न्याय मिले तो अस्थियां गंगा में विसर्जन कर देना और न्याय नहीं मिले तो मेरी अस्थियों को गटर में बहा देना। वीडियो जारी करने के बाद सोलंकी ने नटेरन पुलिस थाने में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने गिरफ्तार कर उन्हें न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया है।
5 मिनट 16 सेकंड का वीडियो में पूर्व भाजपा नेता योगेन्द्र सिंह सोलंकी ने सिलसिलेवार ढंग से घटनाक्रम की जानकारी दी है….
जिस युवती ने ज्यादती का आरोप लगाते हुए नटेरन पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है, उसके परिवार से काफी सालों से जमीन का विवाद चला आ रहा है। जिंदगी के उस मुकाम पर पहुंच गया हूं, जहां चारों ओर अंधेरा दिखाई दे रहा है।
राजनीतिक करियर हुआ खराब
पिछले 30 सालों से भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम करता रहा हूं। उम्मीद थी कि भाजपा का जिला अध्यक्ष बन सकता हूं। शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बन सकता था, लेकिन अब हालात ऐसे नहीं रहे। मुझे षड्यंत्र के तहत ज्यादती के मामले में फंसाकर मेरा राजनीतिक करियर पूरी तरह तबाह कर दिया।
जमीन विवाद के कारण मुझे फंसाया गया
पिताजी के जमाने से चले आ रहे जमीन विवाद के बाद लड़की के परिवार के लोगों ने मुझे अपने जाल में फंसा लिया। उनकी बड़ी बेटी की शादी में मुझसे 15 लाख रूपये ऐंठ लिए। मैं जाल में उलझते हुए आज इस स्थिति में आ गया हूं। अब मैं जल्दी ही थाने में आत्म समर्पण कर दूंगा।
समाज के सामने पेश किया मेरा वीभत्स रूप
इस घटना में समाज के सामने मेरा इतना वीभत्स रूप पेश किया, जबकि मैं ऐसा नहीं हूं। मेरा पिता मीसाबंदी रहे है। इस घटना के बाद मैंने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया, जिसका मुझे बेहद दुख है। खड़ेर गांव में हमेशा लोगों को षड्यंत्र पूर्वक ही फंसाया जाता रहा है, लेकिन पुलिस ने कोई जांच नहीं की।
डेढ़ साल में दो बार की आत्महत्या की कोशिश
डेढ़ साल में दो बार आत्महत्या का प्रयास कर चुका हूं। एक बार गांव में सल्फास खा ली थी। दूसरी बार गंजबासौदा में रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के सामने जान देने की कोशिश की। ज्यादती का आरोप लगाने वाली लड़की का चचेरा भाई ही पटरी से उठाकर लाया था। मैं मानसिक रूप से तनाव में था, जिसका इलाज भी हुआ था।
मुझे पैसा देने के लिए काफी प्रताड़ित किया जा चुका है। अब मैं मरना नहीं चाहता, मेरी पत्नी और बच्चों ने मेरा भरपूर साथ दिया। अब मैं आत्महत्या नहीं करूंगा, लेकिन ऐसा कदम उठाने जा रहा हूं कि न्याय होता है तो मेरी अस्थियों को गंगा में बहा देना और न्याय नहीं मिला तो गटर में बहा देना। मैंने किसी लड़की के साथ बलात्कार नहीं किया है।
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