ग्वालियर: ‘मरने से पहले अतुल सुभाष की तरह बनाना चाहता था वीडियो’ कांग्रेस नेता की मौत के 14 दिन बाद मिला सुसाइड नोट, लिखा…
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता अमर सिंह माहौर ने घर में खुदकुशी कर ली थी. ऐसे में अब मामले में नया मोड़ आ गया है. मृतक अमर सिंह माहौर की बेटी ने एक चार पन्ने का सुसाइड नोट पुलिस को दिया है. सुसाइड नोट में अमर सिंह माहौर ने संदीप सिंह चौहान को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताया है. ऐसे में ग्वालियर में पदस्थ JMFC न्यायाधीश अमन सुलिया के आदेश पर भी सवाल खड़े किए हैं और उसकी जांच की मांग भी उठाई है.
मृतक अमर सिंह ने सुसाइड नोट में यह भी लिखा है, कि “मैं अतुल सुभाष की तरह वीडियो बनाकर अपनी सुसाइड का कारण उल्लेख करना चाहता था, लेकिन मैं वीडियो नहीं बन सका.” पुलिस 14 दिन बाद आए मृतक अमर सिंह माहौर के इस सुसाइड नोट की जांच परख कर रही है.
धारा सिंह ने दर्ज करवाई थी शिकायत
मृतक के परिजन ने पुलिस को बताया है कि 26 नवंबर को न्यायालय के आदेश पर पद्मपुर खेरिया निवासी धारा सिंह की शिकायत पर प्रॉपर्टी डीलर संदीप सिंह चौहान व अमर सिंह माहौर के खिलाफ केस दर्ज किया था. इस मामले में संदीप ने करीब 7 बीघा जमीन के नामांकन आदि के दस्तावेज की नोटरी अमर सिंह माहौर माध्यम से करवाई थी.धारा सिंह का कहना था कि दस्तावेज फर्जी थे. जमीन की नोटरी के गलत दस्तावेज के इस मामले को लेकर अमर सिंह के खिलाफ केस दर्ज होने से वह तीन माह से काफी परेशान थे.
दो-तीन महीने से डिप्रेशन में थे अमर सिंह
हालांकि मामले में अमर सिंह माहौर को हाईकोर्ट से 1 लाख की सशर्त अग्रिम जमानत मिल गई थी, लेकिन अधिकांश समय वह घर पर ही रहते थे. ग्वालियर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष देवेंद्र शर्मा का कहना है कि वे पिछले दो तीन महीने से डिप्रेशन में थे. उन्होंने जानने का भी प्रयास किया था लेकिन अमर सिंह ने अपनी परेशानी उनसे साझा नहीं की थी. जिंदगी भर गांधीवादी तरीके से जीने वाले शहर जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अमर सिंह माहौर ने 12 दिसंबर को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
ग्वालियर शहर के माधवगंज के पान पत्ते की गोठ में रहने वाले अमर सिंह 1976-78 में माधव महाविद्यालय छात्र संघ में पदाधिकारी बने. इसके बाद AISF से जुड़कर छात्र राजनीति की और फिर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता ली.1984 में अमर सिंह माहौर ने लोकसभा चुनाव में माधवराव सिंधिया के चुनाव प्रचार के दौरान मुरार की एक सभा में कांग्रेस में शामिल हो गए, तब से वह लगातार कांग्रेस के पदाधिकारी रहे. कांग्रेस सरकार में अमरसिंह ग्वालियर विकास प्राधिकरण यानी GDA के उपाध्यक्ष भी रहें. वह कांग्रेस के बेदाग छवि वाले नेता और प्रखर वक्ता माने जाते थे. कांग्रेस के शासन के दौरान जीडीए के उपाध्यक्ष रहते हुए अमर सिंह ने बीड़ी श्रमिकों के लिये 1 रुपये की किश्त पर 18 आवासों का आवंटन कराया था. इससे वह काफी चर्चा में आए थे.
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