अलका लांबा कालकाजी से कांग्रेस की उमीदवार होंगी. सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है. अलका दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को टक्कर देंगी. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फरवरी, 2025 में विधानसभा का चुनाव हो सकता है. आम आदमी पार्टी सभी 70 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. अब सभी की नजर बीजेपी और कांग्रेस पर है.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस एससी-एसटी विभाग के अध्यक्ष राजेश लिलोठिया सीमापुरी से कांग्रेस के उमीदवार होंगे. इसके अलावा सीमापुरी से राजेश लिलोठिया, जंगपुरा से फरहाद सूरी, मटिया महल से आसिम अहमद और बिजवासन से देवेंद्र सहरावत पार्टी के प्रत्याशी होंगे.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आज मंगलवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक है. 49 सीटों पर उम्मीदवार तय हो सकते हैं. पहली सूची में 21 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए थे.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए हर महिला को रिस्टबैंड देने की घोषणा करेगी. हर घर की एक महिला को 3100 रुपया महीने देने की घोषणा भी पार्टी करेगी. वो 400 यूनिट बिजली फ्री देने का ऐलान करेगी.
अलका लांबा को जानें
अलका लांबा की बात करें तो वह दिल्ली में कांग्रेस की कद्दावर नेता रही हैं. वह महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. हालांकि 2014 में वह कांग्रेस से अलग होकर आप में शामिल हो गई थीं. फरवरी, 2015 में वह चांदनी चौक से विधायक बनीं. 2019 में उन्होंने आप से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस में वापसी की.
बीजेपी की पहली लिस्ट कब?
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट इस हफ्ते आ सकती है. बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक इसी हफ्ते होने की संभावना है. बीजेपी अपने कुछ पूर्व सांसदों को विधानसभा में टिकट दे सकती है. नई दिल्ली विधानसभा सीट से पूर्व सांसद परवेश वर्मा का अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है.
बीजेपी तय कर चुकी है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में वो बिना सीएम उम्मीदवार के उतरेगी. जनवरी के पहले हफ्ते में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है. बीजेपी उससे पहले अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करेगी.
दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला
दिल्ली चुनाव के लिए आप और कांग्रेस में गठबंधन नहीं हो पाया है. लोकसभा चुनाव दोनों पार्टियां साथ लड़ी थीं, लेकिन कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाईं. पिछले कुछ चुनाव की तरह इस बार भी दिल्ली में मुकाबला त्रिकोणीय है. एक ओर जहां आप फिर से सत्ता में वापसी करने की कोशिश में है तो बीजेपी 26 साल का सूखा खत्म करना चाहती है.
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