हिंदू धर्म में सफला एकादशी एक महत्वपूर्ण व्रत है. यह हर साल पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इस व्रत को करने से हर कार्य में सफलता मिलती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. सफला एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा से सभी कार्यों में सफलता मिलती है. यह व्रत सभी पापों का नाश करने वाला माना गया है और यह व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है. सफला एकादशी का व्रत आत्मिक उन्नति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है.
पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 दिसंबर दिन बुधवार को रात 10 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 25 दिसंबर को रात 12 बजकर 42 मिनट पर खत्म होगी. इसलिए उदया तिथि के अनुसार, सफला एकादशी 26 दिसंबर को मनाई जाएगी.
पंचांग के मुताबिक, 26 दिसंबर को सफला एकादशी के दिन सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है, जो रात 10 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा. सफला एकादशी पर स्वाती नक्षत्र भी बनेगा, जो शाम 6 बजकर 08 मिनट तक रहेगा. इस दिन अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक है.
सफला एकादशी पूजा विधि
- सफला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें.
- पूजा के स्थान पर एक चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें.
- भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें.
- तुलसी के पत्ते, फूल, फल, धूप-दीप आदि चढ़ाएं.
- विष्णु सहस्रनाम मंत्र का जाप करें और भगवान विष्णु की कथा सुनें.
- गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है.
- भगवान विष्णु से संबंधित धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें.
गुरु ग्रह होता है मजबूत
यदि सफला एकादशी के दिन गुरुवार हो और गुरु ग्रह मजबूत स्थिति में हो तो यह बहुत शुभ संयोग होता है. सफला एकादशी के दिन शुक्रवार हो तो माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन लाभ होता है. सफला एकादशी का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक भी है. व्रत रखने से शरीर को आराम मिलता है और पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है.
सफला एकादशी का महत्व
मान्यता है कि सफलता एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. साथ ही इस दिन तुलसी का पौधा लगाना भी बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन तुलसी लगाने से घर में धन-समृद्धि बढ़ती है. घर के उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा लगाएं. वहीं इस दिन व्रत रखने से जीवन में धन-संपत्ति की बढ़ोतरी होती है. साथ ही अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके अलावा जीवन में आने वाले कष्टों से छुटकारा मिलता है.
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