बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के मामले पर शुक्रवार को भारत सरकार ने जानकारी दी. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में बताया कि हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ बांग्लादेश में हिंसा के 2 हजार 200 मामले सामने आए हैं. बांग्लादेश अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाएगा.
अल्पसंख्यक एवं मानवाधिकार संगठनों के आंकड़ों का हवाला देते हुए कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि इस साल पाकिस्तान में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामलों की संख्या अक्टूबर 2024 तक 112 है. 2022 में बांग्लादेश में यह आंकड़ा 47 और पाकिस्तान में 241 था. 2023 में यह आंकड़ा बांग्लादेश में 302 और पाकिस्तान में 103 था.
पाकिस्तान से भारत सरकार ने कही ये बात
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पाकिस्तान से कहा है कि वो धार्मिक असहिष्णुता, सांप्रदायिक हिंसा, अल्पसंख्यक समुदायों पर उत्पीड़न और हमलों को रोकने के लिए कदम उठाए. साथ ही उनकी सुरक्षा और कल्याण के लिए भी कदम उठाए. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत को उजागर करता रहता है.
सरकार ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया
मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश को छोड़कर अन्य पड़ोसी देशों में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामले शून्य हैं. पिछले तीन साल में पड़ोसी देशों में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामलों की संख्या के बारे में पूछा गया था.
केंद्रीय मंत्री ने अपने जवाब में ये भी कहा कि सरकार ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है. बांग्लादेश के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया है. भारत की अपेक्षा है कि बांग्लादेश हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा.
उच्चायोग मामले पर नजर रख रहा
इससे पहले इसी महीने 9 दिसंबर को विदेश सचिव की बांग्लादेश यात्रा के दौरान भी यही बात दोहराई गई थी. विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि ढाका में भारतीय उच्चायोग बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों से संबंधित स्थिति पर नजर रख रहा है. अल्पसंख्यकों सहित सभी नागरिकों की सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी देश की सरकार की है.
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