फोकस नहीं कर पा रहे, बार-बार गुस्सा आ रहा या फिर कोई चिंता सता रही है- इन सब समस्याओं का हल है मेडिटेशन. मेडिटेशन यानी ध्यान लगाने से एंग्जायटी, स्ट्रेस और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है. मेडिटेशन से मिलने वाले फायदों और लोगों को मेडिटेट करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से हर साल 21 दिसंबर को दुनियाभर में वर्ल्ड मेडिटेशन डे मनाया जाएगा.
साल 2024 से वर्ल्ड मेडिटेशन डे मनाने की शुरुआत हो रही है. आपको बता दें कि मेडिटेशन का इतिहास 5000 ईसा पूर्व का है. इसका उल्लेख हिंदू, जैन, बौद्ध, सिक्ख और यहूदी जैसे तमाम धर्मों में भी मिलता है. तो आइए आपको बताते हैं कि मेडिटेशन करने का सही तरीका क्या है.
मेडिटेशन करने का सही तरीका
सही जगह का चयन करें: मेडिटेशन करने के लिए शांत और कम भीड़-भाड़ वाली जगह चुनें.ऐसी जगह हो, जहां आप आराम से बैठ सकें और आपके आसपास किसी तरह की शोरगुल न हो.
सही मुद्रा: मेडिटेशन के दौरान आपकी शारीरिक मुद्रा का विशेष महत्व है. आप ध्यान लगाते समय क्रॉस-लेग्ड (पैरों को जोड़कर) या पद्मासन (कमलासन) जैसी मुद्रा में बैठ सकते हैं. आपकी पीठ सीधी होनी चाहिए और शरीर में तनाव नहीं होना चाहिए.
सांसों पर ध्यान केंद्रित करें: शुरुआत में गहरी और स्थिर सांसें लें. अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें. सांसों को नियंत्रित करना आपको मानसिक शांति में मदद मिलेगी.
मेडिटेशन का समय: शुरुआत में आप 5 से 10 मिनट तक मेडिटेशन कर सकते हैं.जैसे-जैसे आप अभ्यास करते जाएंगे, ध्यान की अवधि बढ़ा सकते हैं.
पॉजीटिव अप्रोच: मेडिटेशन के दौरान आप पॉजीटिव अप्रोच रखें. आप मेडिटेशन के दौरान किसी मंत्र को भी पढ़ सकते हैं.
धैर्य और नियमितता: मेडिटेशन एक अभ्यास है, जो समय के साथ प्रभावी होता है. इससे तुरंत फायदा नहीं मिलता.नियमित रूप से ध्यान करने से मानसिक और शारीरिक लाभ मिलते हैं.
किन लोगों को करना चाहिए मेडिटेशन
जो लोग मानसिक तनाव या एंग्जायटी की दिक्कत से जूझ रहे हों, उन्हें रोजाना मेडिटेशन जरूर करना चाहिए. इसके अलावा, अनिद्रा से परेशान लोग भी मेडिटेशन कर सकते हैं.
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