उत्तर प्रदेश के कानपुर में तैनात रहे एसीपी मोहसिन खान पर आईआईटी की एक छात्रा ने रेप का आरोप लगाया है. इसके बाद अधिकारियों ने एसीपी पर FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं. वहीं, उन्हें चार्ज से भी हटा दिया गया है. इस मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का भी गठन किया गया है.
इस मामले में कुछ नई जानकारियां सामने निकल कर आ रही हैं. सूत्रों के अनुसार, यह मामला गुरुवार को सार्वजनिक हुआ है, लेकिन पहले से इस मामले में एसीपी मोहसिन खान और छात्रा के बीच समझौते की बात चल रही थी. सब कुछ सही जा रहा था और एसीपी को लगभग क्लीनचिट भी मिल गई थी. लेकिन एसीपी के एक बयान ने पीड़िता के गुस्से को भड़का दिया.
यहां जानिए पूरा मामला?
कानपुर IIT मेंएसीपी साइबर क्राइम और क्रिमिनोलॉजी की पढ़ाई कर रहे थे. इसी दौरान छात्रा से मुलाकात हुई. छात्रा का आरोप है कि ACP ने प्यार में फंसाकर रेप किया. ACP के शादीशुदा होने के साथ अन्य सच्चाई सामने आने पर पीड़िता ने कानपुर पुलिस कमिश्नर से शिकायत की. पुलिस कमिश्नर के आदेश पर डीसीपी अंकिता शर्मा और एसीपी अर्चना सिंह सिविल ड्रेस में आईआईटी पहुंची. दोनों महिला अफसरों ने पूछताछ की तो आरोप सही पाया गया. पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने ACP के खिलाफ रेप समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है.
जब छात्रा को पता चला कि अफसर की पत्नी प्रेग्नेंट है…
एसीपी मोहसिन खान पर आरोप लगाने वाली छात्रा को जब अधिकारी की पत्नी के गर्भवती होने का पता चला तो वो अंदर से टूट गई थी. लेकिन फिर भी किसी तरह से छात्रा ने अपनी किस्मत से समझौता करने का निर्णय लिया और सिर्फ एक शर्त रखी कि एसीपी का तबादला दूसरे शहर में कर दिया जाए. इस बात पर फैसला भी हो गया था और मामला रफा दफा होने वाला था, तभी आलाधिकारियों के सामने एसीपी ने छात्रा को साइको बताया और कहा कि इसका तो मानसिक डॉक्टर द्वारा इलाज कराया जा रहा है.
क्यों नहीं हो पाया समझौता?
इस बात पर छात्रा भड़क गई और समझौते की सभी बातों से इनकार कर दिया. पीड़िता ने कहा कि एक तो मेरा इस्तेमाल किया और ऊपर से मुझे साइको बोल रहे हैं. इसके बाद छात्रा एफआईआर लिखाने पर अड़ गई. एफआईआर के अलावा पीड़िता ने कुछ और मांगे भी रखी हैं, जिसमें उसकी सुरक्षा, निष्पक्ष जांच, आरोपी के सहयोगियों के आईआईटी में प्रवेश पर रोक और उसकी पहचान गोपनीय रखना शामिल है.
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