‘रेप केस में फंस गया है तुम्हारा बेटा…’ ठगों ने डराया तो प्रिंसिपल ने चलाया दिमाग, खाली होने से बचा बैंक अकाउंट
डिजिटल युग में जिस तरह से हर चीज आसान हो रही है, वैसे ही लोगों की समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही है. कम समय में ज्यादा पैसे कमाने की लालच में लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं. साइबर अपराधी भी लगातार वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. साइबर ठग लोगों को डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन, ई सिम, रेमिटेंस फ्रॉड, पढ़ाई के नाम पर, शेयर ट्रेडिंग, फेसबुक इंस्टाग्राम वीडियो लाइक फ्रॉड और टेलीग्राम लिंक के जरिए लोगों को अपना ठगी का शिकार बना रहे हैं.
जबलपुर में साइबर अपराधों की कड़ी में एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसमें शहपुरा भिटौनी के सीएम राइज स्कूल के प्रिंसिपल बाल पांडे को फर्जी फोन कॉल के माध्यम से ठगने का प्रयास किया गया. फोन पाकिस्तान के +92 सीरीज नंबर से आया था. कॉलर ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए झूठा दावा किया था कि प्रिंसिपल के बेटे को रेप केस में गिरफ्तार किया गया है.
प्रिंसिपल को ठगने की करी कोशिश
उसे बचाने के लिए तुरंत जुर्माने की राशि बैंक खाते में जमा करनी होगी. प्रिंसिपल बाल पांडे ने समझदारी दिखाते हुए पहले अपने बेटे से संपर्क किया और यह पुष्टि की कि वह सुरक्षित है. इसके बाद उन्होंने जालसाज को स्पष्ट रूप से बताया कि वह उनकी साजिश समझ गए हैं. फर्जी पुलिस अधिकारी ने फोन काट दिया और अपना नंबर स्विच ऑफ कर लिया. पुलिस जांच में यह पता चला कि इस कॉल का कनेक्शन पाकिस्तान से था. घटना के बाद पुलिस ने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है.
साइबर अपराध के मामले
जबलपुर में डिजिटल और साइबर ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. साइबर क्राइम के यह प्रमुख मामले है.
- रेमिटेंस फ्रॉड: एयरपोर्ट में फंसने का झांसा– गोरखपुर थाना क्षेत्र में एक वृद्ध मसूद हुसैन को एक महिला मित्र ने कस्टम विभाग में फंसने का झांसा देकर 53 लाख रुपये ठग लिए. महिला ने आपात स्थिति बताकर उनसे पैसे मांगे और उन्हें झूठे दावों में फंसाने की धमकी दी थी.
- शेयर ट्रेडिंग के नाम पर धोखाधड़ी-जबलपुर निवासी दीपांशु गुप्ता नाम के एक युवक से ठगों ने पैसा दोगुना करने के नाम पर 19.5 लाख रुपये ठग लिए गए थे.
- मेडिकल सीट दिलाने के नाम पर ठगी –मुंबई के जालसाजों ने एक डॉक्टर से 53 लाख रुपये ठग लिए. डॉक्टर को देहरादून के मेडिकल कॉलेज में पीजी सीट दिलाने का झांसा दिया गया था.
- ब्लैकमेलिंग और सेक्सटॉर्शन-मानकुंवर बाई महिला कॉलेज की करीब 70 छात्राओं को अश्लील फोटो और वीडियो भेजकर ब्लैकमेल किया गया.
- सिम स्वैपिंग फ्रॉड-गढ़ा निवासी नरेंद्र त्रिपाठी को साइबर ठग ने फोन कर सिम बंद होने का झांसा दिया. सिम बदलने के बहाने उनके खाते से एक लाख रुपये उड़ा लिए गए.
- वीडियो लाइक फ्रॉड-गोरखपुर में रहने वाली 25 वर्षीय युवती को टेलीग्राम के माध्यम से ठगा गया. वीडियो लाइक करने और टास्क पूरा करने पर पैसे मिलने का झांसा देकर उससे 98 हजार रुपये ऐंठे गए.
साइबर अपराधों से बचने के उपाय
- संदिग्ध कॉल्स की जांच करें: अज्ञात नंबर से आई किसी भी कॉल पर तुरंत प्रतिक्रिया न दे.
- वित्तीय जानकारी साझा न करें: अपने बैंक खाते, ओटीपी या निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें.
- दो-चरणीय सुरक्षा अपनाएं: अपने बैंक और सोशल मीडिया खातों पर डबल-फैक्टर ऑथेंटिकेशन लागू करें.
- सतर्कता बरतें: ईमेल या मैसेज में भेजे गए लिंक पर क्लिक करने से बचें
डिजिटल युग में सावधानी ही बचाव
डिजिटल अरेस्ट और अन्य साइबर अपराधों के मामले यह स्पष्ट करते हैं कि तकनीकी प्रगति के साथ ही अपराध के तरीके भी आधुनिक हो रहे हैं. जबलपुर के इन मामलों ने न केवल तकनीकी सुरक्षा की कमी को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि जागरूकता और सतर्कता ही इन खतरों से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है. पुलिस और प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज न करें और साइबर अपराध के खिलाफ आवाज उठाएं. साइबर सुरक्षा को अपनाकर और सतर्क रहकर ही इन अपराधों को रोका जा सकता है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.