जेल से बाहर आते ही फुल एक्शन में मनीष सिसोदिया, एजेंडे में नेता और आम आदमी… क्या है प्लान?

जेल से रिहा होने के बाद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया एक्शन मोड में हैं. सिसोदिया आप के बड़े से लेकर छोटे नेताओं तक के साथ लगातार मीटिंग कर रहे हैं. आप ने पूरे दिल्ली में सिसोदिया के पदयात्रा निकालने की घोषणा की है. वो भी तब, जब उनके पास घोषित तौर पर न तो सरकार में और न ही पार्टी में कोई बड़ा पद है. ऐसे में सवाल उठता है कि सिसोदिया के सहारे आप क्या साधना चाहती है?

दिल्ली में अब से 6 महीने बाद विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं. यहां पर विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए कम से कम 36 सीटों को जीतना जरूरी है.

एक्शन मोड में मनीष सिसोदिया

9 अगस्त को जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद मनीष सिसोदिया एक्शन मोड में हैं. जेल से बाहर निकलने के बाद मनीष सबसे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर गए, जहां उन्होंने सुनीता केजरीवाल समेत आप के सभी बड़े नेता से मिले.

मनीष अगले दिन पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं से मिले और एक सभा को संबोधित किया. उन्होंने इस दौरान आगे की रणनीति पर आप कार्यकर्ताओं से बात की.

रविवार को मनीष सिसोदिया ने आप के सभी बड़े नेताओं की मीटिंग ली. मीटिंग में संगठन महामंत्री संदीप पाठक, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, मंत्री सौरभ भारद्वाज, मंत्री आतिशी, मंत्री गोपाल राय समेत शीर्ष के सभी नेता मौजूद थे.

सिसोदिया सोमवार को दिल्ली के सभी विधायकों और मंगलवार को पार्षदों से बात करेंगे. आप के संगठन महामंत्री के मुताबिक 14 अगस्त से सिसोदिया दिल्ली में पैदल यात्रा करेंगे और आम लोगों से मिलेंगे.

आप का क्या है प्लान, 3 पॉइंट्स

दिल्ली में फरवरी 2025 में विधानसभा के चुनाव होने हैं. आप यहां पर सत्ताधारी पार्टी है. वर्तमान में दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल में बंद हैं. ऐसे में सिसोदिया की जमानत आप के लिए राहत भरी है. सिसोदिया आप के भीतर नंबर-2 के नेता माने जाते हैं.

1. चुनाव से पहले कनेक्टिविटी बढ़ाने की रणनीति

लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी दिल्ली की 7 में से 4 सीटों पर लड़ी, लेकिन चारों ही सीटों पर आप के उम्मीदवार हार गए. नई दिल्ली और पूर्वी दिल्ली सीट पर आप के हार का मार्जिन 1 लाख से भी कम वोट का था. सीएसडीएस के मुताबिक आप की हार की बड़ी वजह पार्टी के पास मोदी मैजिक का तोड़ नहीं था. लोकसभा चुनाव में आप ने जेल का जवाब वोट से जो नारा दिया था, उसे दिल्ली की 63 प्रतिशत लोगों ने प्रभावहीन नारा बताया था.

दिल्ली में आप की हार की जो भी वजहें अब तक सामने आई हैं, इन सबके पीछे जनता और आप के बड़े नेताओं की कनेक्टिविटी को माना जा रहा है. आप के 3 बड़े नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह 2022 से केस में उलझे हैं. सिसोदिया 17 महीने तो संजय सिंह 6 महीने तक जेल में थे. केजरीवाल पिछले 4 महीने से सलाखों में हैं.

2022 से पहले कोरोना का दौर था, जिसके कारण नेता और जनता के बीच संपर्क नहीं हो पाया था. ऐसे में सिसोदिया चुनाव से पहले पदयात्रा निकालकर इस खाई को पाटना चाहते हैं. सिसोदिया पार्टी में नंबर-2 के नेता माने जाते हैं. उनके इस यात्रा को चुनावी कैंपेन की शुरुआत के तौर पर भी देखा जाता है.

2. संदेश देने की कोशिश- जेल ने काम प्रभावित किया

मनीष सिसोदिया एक्टिव होकर दिल्ली की जनता और विपक्षी पार्टियों को एक संदेश देने की कोशिश भी कर रहे हैं. शनिवार को कार्यकर्ताओं से बात करते हुए मनीष ने कहा था- मुझे जेल में इसलिए डाला गया था कि मैं टूट जाऊं, लेकिन मैं पहले से ज्यादा मजबूत हूं. भारत से तानाशाही सरकार को उखाड़ फेकूंगा.

सिसोदिया के 17 महीने जो जेल में कटे हैं, उसे आप दिल्ली चुनाव में मुद्दा बनाने की रणनीति पर काम कर रही है. कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग में सिसोदिया ने कहा भी कि अगर मुझे जेल में नहीं डाला गया होता तो दिल्ली में बच्चों के लिए कई स्कूल बन गए होते.

सिसोदिया के सहारे आप यह भी बताना चाह रही है कि उसके बड़े नेता को जेल में डालकर केंद्री की सत्ताधारी पार्टी दिल्ली में काम नहीं होने देना चाहती है. आप इस कानूनी लड़ाई को सियासी तौर पर लड़ना चाहती है.

3. सिंपैथी के जरिए जनता को साधना चाहती है आप

राजनीति में सिंपैथी को सबसे अहम माना जाता है. सिंपैथी के नाम पर मिलने वाला वोट किसी भी मुद्दों पर भारी होता है. दिल्ली में आप के नंबर-1 के नेता भी जेल में बंद हैं और नंबर-2 के नेता मनीष सिसोदिया को कोर्ट ने 17 महीने बाद रिहा किया है. आप की कोशिश इन दोनों के सहारे सिंपैथी वोट लेने की भी है.

मनीष सिसोदिया पदयात्रा में अरविंद केजरीवाल के जेल में होने का मुद्दा उठाएंगे. साथ ही आप के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को इसके बारे में बताएंगे.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

क्या धारावी की जमीन के मालिक बन जाएंगे अडानी, जानिए असल कहानी?     |     EVM के इस्तेमाल की जिद क्यों? एलन मस्क की टिप्पणी के बाद अखिलेश यादव का सवाल     |     इंस्टा पर दोस्ती, होटल ले जाकर दोस्तों ने किया गंदा काम… सुसाइड से पहले युवक बता गया दर्द भरी दास्तां     |     तांत्रिक ने बीमारी ठीक करने का झांसा देकर महिला से किया दुष्कर्म     |     T20 World Cup: पाकिस्तान के बाहर होने पर सिद्धू ने खोली ICC की पोल, गावस्कर ने भी की खिंचाई     |     संसद में अब 2014 और 2019 वाली स्थिति नहीं…कभी भी गिर सकती है सरकार, स्पीकर पद को लेकर संजय राउत का बड़ा बयान     |     आयकर में दान पर टैक्स छूट के लिए फार्म 10बीई जरूर लें करदाता     |     राहुल गांधी ने छोड़ी वायनाड सीट तो प्रियंका गांधी होंगी उम्मीदवार! अगले तीन दिन में होगा फैसला     |     कोटा कोचिंग सेंटर में IIT की तैयारी करने वाले छात्र ने किया सुसाइड     |     उज्जैन से पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा शुरू, CM मोहन यादव ने दिखाई हरी झंडी     |     कोई 23 घंटे तक कोई 8 घंटे…कोहरे ने रोक दी गाड़ियों की रफ्तार, बिहार-पंजाब जानें वाली कई ट्रेनें लेट     |     दिल्ली: तिहाड़ जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को एम्स में कराया गया भर्ती, नाक की होगी सर्जरी     |     विधवा मां का संघर्ष देख बेटे ने उठाया बेबसी दूर करने का बीड़ा, ऐसे बदल रहा महिलाओं की जिंदगी     |     दोस्त बना कातिल! नहीं लौटाए उधार के पैसे तो महिला मित्र को चाकू से गोदा     |     गजब का दिमाग! पेट्रोल पंप पर लगा दिया अपना QR कोड, मालिक को लगाया 58 लाख का चूना     |     बॉलीवुड भी हरदोई की इस चाट का दीवाना, अंग्रेजों ने भी खाया था ‘दिल्ला का खस्ता’, स्वाद आज भी बरकरार     |     IAS टीना डाबी ने विधायक को ही दिया ‘जोर का झटका’, बौखला गए रवींद्र भाटी!     |     लखनऊ में अग्निवीर भर्ती रैली शुरू, जानें किस दिन किन जिलों के अभ्यर्थियों का आएगा नंबर?     |     पिता लालू सरकार में रहे मंत्री, खुद कई बार मिनिस्टर… जानें कौन हैं आलोक मेहता और कैसे राजनीति में आए     |     ‘मां की रसोई’ में सिर्फ 9 रुपए में मिलेगा खाना, CM योगी ने किया उद्घाटन; प्रयागराज में कहां खुली?     |    

Pradesh Samna
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें