पिता को बचाने के लिए मगरमच्छ से भिड़ गया 12 साल का बेटा, आखिर में जो हुआ रुला देगा आपको

पश्चिम बंगाल के एक लड़के की बहादुरी का किस्सा सनकर आप सभी अपने दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो जाएंगे. इसकी वजह यह है कि महज बारह साल के लड़के ने अपने पिता को बचाने के लिए मगरमच्छ के मुंह में हाथ डाल दिया. हालांकि वह अपने पिता को बचा नहीं सका और मगरमच्छ उसके पिता को खींच ले गया. फिलहाल रेस्क्यू टीम उसके पिता को तलाशने की कोशिश कर रही हैं.

जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला दक्षिण 24 परगना के पाथरप्रतिमा ब्लॉक के जिपलोट के सत्यदासपुर ग्राम पंचायत का है. सुंदरबन में 45 साल का अब्बासुद्दीन शेख मुछआरा मछली पकड़ने के लिए अपने छोटे बेटे के साथ गया था. जैसे ही उसने मछली पकड़ने के लिए डोंगी डाली वैसे ही नदी से मगरमच्छ बाहर निकल आया. मगरमच्छ ने अब्बासुद्दीन का हाथ जबड़े में पकड़ लिया. उसका छोटा बेटा साथ ही मौजूद था.

12 साल के किशोर ने देखा कि उसके पिता को मगरमच्छ ने जकड़ रखा है, बस फिर क्या था. उसने तुरंत ही मगरमच्छ के जबड़े को पकड़ लिया और उसने अंदर हाथ डालकर पकड़ को ढीला करने की कोशिश की. उसने पिता बुरी तरह से जख्मी हो चुकी थे. अब्बास ने अपने छोटे बेटे से कहा कि वह तुरंत जाए और गांव से मदद लेकर आए. क्योंकि, मगरमच्छ से भिड़ना उसके लिए आसान नहीं था.

अब्बास के बेटे को इस बात का अहसास हो गया था कि वह मगरमच्छ से अपने पिता को नहीं छुड़ा सकता है. इसके बाद वह दौड़ा लगाकर गांव पहुंचा और वहां पर लोगों को इकट्ठा कर वापस उसी जगह पहुंचा जहां पर मगरमच्छ ने उसके पिता को जकड़ लिया था. मासूम को वहां पर अब कोई नहीं मिला. उसके पिता पर मगरमच्छ के हमले का वह इकलौता गवाह है.

मासूम बेटे ने सभी को बताया कि, ‘उसने इससे पहले कभी भी मगरमच्छ नहीं देखा था. जैसे ही अब्बा ने जाल डाल मगरमच्छ ने उनके हाथ को जकड़ लिया. पिता के हाथ लहूलुहान हो गए थे. मैंने मगरमच्छ के जबड़े को खोलने की कोशिश की लेकिन वह मुझसे नहीं खुला. अब्बा ने कहा कि लोगों को बुलाकर लाओ. जब मैं लौटकर आया तो उस जगह न तो पिता मिले न ही वह मगरमच्छ.’ फिलहाल स्पीड बोट की मदद से मछुआरे को ढूंढने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. वहीं उसके पूरे परिवार का फिलहाल रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है.

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