अपनी ही बारात में दिगंबर पहुंचे शिव, आगे निकले देवता तो भोलेनाथ ने ऐसे बुलाए ‘खास बाराती’

सावन के महीने में भोलेनाथ की चर्चा हो तो उनके विवाह का प्रसंग जरूर आता है. दरअसल ब्रह्मा की सृष्टि में ऐसा विवाह ना तो कभी हुआ और न ही कभी होगा. इस विवाह में दूल्हे का स्वरुप तो अनूठा था ही, बाराती भी एक से बढ़कर एक थे. दूल्हा बने बाबा खुद नंदी पर सवार होकर दिगंबर अवस्था में ही ससुराल पहुंचे. उनके साथ चल रहे बाराती भी किसी सभ्य समाज के लोग नहीं थे, बल्कि सभी के सभी उनके अपने गण थे. जैसे ही यह बारात राजा हिमाचल के जनवासे में पहुंची, बारात देखने आए लोगों की हालात खराब हो गई. आगवानी करने आए लोग तो जान बचाने के लिए गिरते पड़ते भागे थे.

आइए शुरू से इस प्रसंग की शुरूआत करते हैं. सप्तऋषियों ने जब भगवान शिव के साथ माता पार्वती के विवाह की तिथि निर्धारित कर दी, उसी समय भगवान शिव ने सभी देवताओं को न्योता भिजवा दिया था. ब्रह्मा-विष्णु समेत सभी देवगण समय से बारात में शामिल होने के लिए कैलाश पर्वत पहुंच भी गए, लेकिन वहां देखा तो भगवान शिव अपनी पारंपरिक वेश भूषा में बर्फ की शिला पर बैठे थे. उन्हें देखकर देवगण कानाफूसी करने लगे. इसे देखकर भगवान विष्णु ने सभी देवताओं को हिमाचल नगरी की ओर प्रस्थान करने को कहा.

चिता भस्म से हुआ श्रृंगार

देवताओं के जाने के बाद शिवगणों ने भोलेनाथ से उनकी शिकायत की. कहा कि किसी भी देवता ने यह नहीं सोचा कि दूल्हे को तैयार भी करना है. उस समय शिव ने मुस्कराते हुए कहा कि उनका श्रृंगार तो उनके गण ही कर सकते हैं, यह काम देवता के बस का नहीं. यह सुनते ही शिवगण खुश हो गए. तुरंत एक गण दौड़ कर श्मशान गया और वहां जलती चिता से गर्मागर्म भस्म लाकर बाबा के बदन पर पोत दिया. दूसरा गण ढेर सारे सांप पकड़ लाया.

बासुकी तो पहले से ही बाबा के गले में थे ही, छोटे छोटे सांपों को गणों ने बाजू बंद, कमरबंद और कान के कुंडल आदि के रूप में लगा दिया. यहां तक कि बाबा की जटाओं को लपेट कर जब सांप से ही बांधकर मउर का रूप दे दिया. इतना करने के बाद भी बाबा निवस्त्र ही थे. ऐसे में एक गण ने जिस बाघंबर पर बाबा बैठे थे, वहीं उठाकर उनकी कमर में लपेट दिया. चूंकि इस बाघंबर में कोई बटन तो थे नहीं, इसलिए एक सांप से ही उसे कमर में बांध दिया.

तुरही बजाकर बाबा ने बुलवाए अपने गण

जब बाबा तैयार हो गए तो गणों ने कहा कि सभी देवता तो पहले ही जा चुके हैं. ऐसे में बिना बारातियों के दूल्हा सरकार कैसे जाएंगे. उस समय भगवान शिव ने कहा कि अपने गणों को बुलाओ. इसके बाद शिव के तीसरे गण श्रृंगी ने हर हर महादेव का नारा लगाते हुए बैल के सिंग से बना वाद्ययंत्र तुरही बजाया. इसकी आवाज जैसे ही दूनिया भर के भूत, प्रेत, हाकिनी, डाकिनी, साकिनी, पिशाच, पिशाचिनी, कीड़े-मकोड़े, जीव जंतुओं को मिली, सभी के सभी हर हर महादेव का नारा लगाते हुए कुछ ही छणों के अंदर कैलाश पहुंच गए.

बाबा की बारात का वर्णन करते हुए श्रीराम चरित मानस में तुलसीदास जी लिखते हैं कि ‘कोउ मुख हीन बिपुल मुख काहू। बिनु पद कर कोउ बहु पद बाहू॥ बिपुल नयन कोउ नयन बिहीना। रिष्टपुष्ट कोउ अति तनखीना॥’ उसके बाद बारात निकली और बाबा के जयकारे लगाते और नाचते गाते हिमाचल नगरी में प्रवेश किया. चूंकि इस दौरान सभी नाच रहे थे, ऐसे में बाबा के कमर में बाघंबर से लिपटा सांप भी नाचने लगा. ऐसा होते ही बाघंबर खुलकर कहां गिर गया, किसी को पता ही नहीं चला.

डर कर भागे अगवान

उधर, जनवासे में राजा हिमाचल की ओर से कुछ लोग बारात की आगुवानी के लिए पहुंचे थे, उन्होंने जैसे ही दूल्हा बने बाबा और उनके बारातियों को देखा, जान बचाने के लिए गिरते पड़ते भागे. इसे गोस्वामी तुलसीदास जी इस प्रकार बयां किया है ‘हियँ हरषे सुर सेन निहारी। हरिहि देखि अति भए सुखारी॥ सिव समाज जब देखन लागे। बिडरि चले बाहन सब भागे॥’ उस समय कुछ बच्चों ने भी बाबा की बारात को देखी थी. इन बच्चों ने अपनी माताओं से कहा था कि दूल्हा नंग धड़ंग है. उसकी बारात में आदमी नहीं, भूत पिशाच हैं.

इन बच्चों ने अपनी माताओं को दरवाजे बंद करने के लिए कहा. कहा कि एक भी बाराती किसी के घर में घुस गया तो उसका जिंदा बचना मुश्किल है. इस बात को तुलसी दास जी ने इस प्रकार से व्यक्त किया है. वह लिखते हैं कि ‘कहिअ काह कहि जाइ न बाता। जम कर धार किधौं बरिआता॥ बरु बौराह बसहँ असवारा। ब्याल कपाल बिभूषन छारा॥’ वह आगे लिखते हैं कि ‘तन छार ब्याल कपाल भूषन नगन जटिल भयंकरा। संग भूत प्रेत पिसाच जोगिनि बिकट मुख रजनीचरा॥ जो जिअत रहिहि बरात देखत पुन्य बड़ तेहि कर सही। देखिहि सो उमा बिबाहु घर घर बात असि लरिकन्ह कही॥’

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

क्या धारावी की जमीन के मालिक बन जाएंगे अडानी, जानिए असल कहानी?     |     EVM के इस्तेमाल की जिद क्यों? एलन मस्क की टिप्पणी के बाद अखिलेश यादव का सवाल     |     इंस्टा पर दोस्ती, होटल ले जाकर दोस्तों ने किया गंदा काम… सुसाइड से पहले युवक बता गया दर्द भरी दास्तां     |     तांत्रिक ने बीमारी ठीक करने का झांसा देकर महिला से किया दुष्कर्म     |     T20 World Cup: पाकिस्तान के बाहर होने पर सिद्धू ने खोली ICC की पोल, गावस्कर ने भी की खिंचाई     |     संसद में अब 2014 और 2019 वाली स्थिति नहीं…कभी भी गिर सकती है सरकार, स्पीकर पद को लेकर संजय राउत का बड़ा बयान     |     आयकर में दान पर टैक्स छूट के लिए फार्म 10बीई जरूर लें करदाता     |     राहुल गांधी ने छोड़ी वायनाड सीट तो प्रियंका गांधी होंगी उम्मीदवार! अगले तीन दिन में होगा फैसला     |     कोटा कोचिंग सेंटर में IIT की तैयारी करने वाले छात्र ने किया सुसाइड     |     उज्जैन से पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा शुरू, CM मोहन यादव ने दिखाई हरी झंडी     |     इमारतें खाक-11 मौतें, अरबों का नुकसान…कैलिफोर्निया की आग ने अमेरिका को हिलाकर रख दिया     |     पश्चिमी विक्षोभ राजस्थान में लाया बारिश, दिल्ली-हरियाणा में भी IMD का अलर्ट, जानें अगले 2 दिनों का मौसम     |     कोई 23 घंटे तक कोई 8 घंटे…कोहरे ने रोक दी गाड़ियों की रफ्तार, बिहार-पंजाब जानें वाली कई ट्रेनें लेट     |     दिल्ली: तिहाड़ जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को एम्स में कराया गया भर्ती, नाक की होगी सर्जरी     |     विधवा मां का संघर्ष देख बेटे ने उठाया बेबसी दूर करने का बीड़ा, ऐसे बदल रहा महिलाओं की जिंदगी     |     दोस्त बना कातिल! नहीं लौटाए उधार के पैसे तो महिला मित्र को चाकू से गोदा     |     गजब का दिमाग! पेट्रोल पंप पर लगा दिया अपना QR कोड, मालिक को लगाया 58 लाख का चूना     |     बॉलीवुड भी हरदोई की इस चाट का दीवाना, अंग्रेजों ने भी खाया था ‘दिल्ला का खस्ता’, स्वाद आज भी बरकरार     |     IAS टीना डाबी ने विधायक को ही दिया ‘जोर का झटका’, बौखला गए रवींद्र भाटी!     |     लखनऊ में अग्निवीर भर्ती रैली शुरू, जानें किस दिन किन जिलों के अभ्यर्थियों का आएगा नंबर?     |    

Pradesh Samna
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें