उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम को दो महीने के लिए स्थगित कर दिया है. इस संबंध में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आदेश जारी कर दिया है. सरकार ने फैसला लिया है कि एक विशेषज्ञ समिति बनाई जाएगी जो अगले दो महीनों में शिक्षकों के मुद्दों पर विचार-विमर्श करेगी.
यूपी के मुख्य सचिव के साथ मंगलवार को शिक्षक संगठनों की बैठक हुई. इसमें प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा शानमुगम, डीजी स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा भी मौजूद रहीं. इस दौरान शिक्षक संघों में महिला शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुलोचना मौर्या के अलावा प्राथमिक शिक्षक संघ के दिनेश शर्मा, जूनियर शिक्षक संघ समेत कई अन्य शिक्षक नेता मौजूद रहे.
बैठक में मुख्य सचिव ने फिलहाल डिजिटल अटेंडेंस को स्थागित करते हुए विभागीय अफसरों और शिक्षक संघ के पदाधिकारियों को शामिल कर कमेटी गठन कर इस पर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं.
उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के हजारों शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा परिषद के डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम को लागू करने के फैसले के खिलाफ विरोध जताया था. इस विरोध के जवाब में बेसिक शिक्षा विभाग का कहना था कि शिक्षकों आश्वासन दिया कि शिक्षक 30 मिनट तक देरी से अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं और उन्हें केवल देरी का कारण बताना होगा. हालांकि, इससे शिक्षकों की चिंता पूरी तरह से दूर नहीं हुई थीं और उन्होंने अपना विरोध जारी रखा.
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ (यूपीपीएसएस) के एक सदस्य का कहना था कि कई संगठनों ने कहा कि डिजिटल उपस्थिति का सरकारी आदेश ‘अव्यावहारिक’ है क्योंकि शिक्षक उपस्थिति दर्ज कराने के लिए हर दिन समय पर स्कूल नहीं पहुंच सकते. स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने एक आदेश जारी कर शिक्षकों और कर्मचारियों को 8 जुलाई से डिजिटाइज रजिस्टर ऐप पर स्थान के साथ अपनी वास्तविक समय की उपस्थिति दर्ज करने का निर्देश दिया था.
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