मिलिंद नार्वेकर से दिलीप पाटिल तक कहानी पावरफुल पीएस की, जो माननीय बन गए

महाराष्ट्र में हुए विधानपरिषद चुनाव में जीत के बाद उद्धव ठाकरे के निजी सचिव मिलिंद नार्वेकर सुर्खियों में हैं. उन्हें कोई जॉइंट किलर की उपाधि दे रहा है तो कई लोग नार्वेकर को उद्धव की साख को वापस लाने वाले नेता के रूप में देख रहा है. करीब 20 साल तक उद्धव के निजी सचिव नार्वेकर अब उसी सदन में बैठेंगे, जहां पर उनके बॉस और शिवसेना (यूबीटी) के सुप्रीमो बैठते हैं.

हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब किसी नेता के पर्सनल सेक्रेटरी (पीएस) किसी सदन का सदस्य बना हो. बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक ऐसे पीएस की एक लंबी फेहरिस्त है. इनमें से कोई मंत्री बन बैठा है तो कोई सांसद. दिलचस्प बात है कि हाल के वर्षों में पर्सनल सेक्रेटरी के सदन में पहुंचने की रफ्तार में तेजी आई है.

1. मिलिंद नार्वेकर- उद्धव ठाकरे जब राजनीति में आए, तब उन्हें एक सहयोगी की जरूरत थी. उस वक्त नार्वेकर शिवसेना के कार्यकर्ता थे. उद्धव ने नार्वेकर को अपने साथ ले लिया और उन्हें अपना पीएस नियुक्त कर दिया, तब से नार्वेकर उद्धव के साथ ही हैं. नार्वेकर को उद्धव का काफी विश्वसत करीबी माना जाता है.

नार्वेकर पहली बार तब सुर्खियों में आए थे, जब सीएम रहे नारायण राणे ने पार्टी छोड़ी थी. उन्होंने नार्वेकर पर शिवसेना चलाने का आरोप लगाया था. इसी तरह का आरोप 2022 में भी नार्वेकर पर लगा था.

2022 में एकनाथ शिंदे ने बगावत की थी, उस वक्त भी नार्वेकर को ही निशाने पर लिया गया था. हालांकि, उद्धव उनका हमेशा बचाव करते रहे. 10वीं पास नार्वेकर और उनकी पत्नी के नाम से करोड़ों की संपत्ति है. यह खुलासा हाल ही में उनके द्वारा दाखिल हलफनामे से हुआ.

इस बार के विधानपरिषद चुनाव में आखिर वक्त में उद्धव ठाकरे ने नार्वेकर के नाम की घोषणा की थी. पहले नार्वेकर की ही कुर्सी पर खतरा माना जा रहा था, लेकिन आखिर वक्त में नार्वेकर चुनाव जीत गए. नार्वेकर अब उसी सदन में बैठेंगे, जहां उनके बॉस उद्धव ठाकरे बैठते हैं. शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे वर्तमान में विधानपरिषद के ही सदस्य हैं.

2. दिलीप वलसे पाटिल- एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री दिलीप वलसे पाटिल एक वक्त शरद पवार के निजी सहायक थे. पाटिल को शरद पवार राजनीति में लाए और उन्हें कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़वाया. पाटिल 1990 में अंबागांव विधानसभा सीट से विधायक चुने गए. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

शरद ने जब कांग्रेस छोड़कर खुद की पार्टी बना ली, तब पाटिल उनके साथ आ गए. पाटिल अब तक 7 बार विधायक चुने जा चुके हैं. वे विलासराव देशमुख, अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. पाटिल 2009 से लेकर 2014 तक विधानसभा के स्पीकर भी रहे हैं. वर्तमान में वे अजित पवार की मोर्चे वाली एनसीपी के हिस्सा हैं. शरद पवार से उनकी बगावत ने काफी सुर्खियां बटोरी थी.

3. संजय यादव- बिहार से हाल ही में राज्यसभा सांसद चुने गए संजय यादव भी अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत तेजस्वी यादव के निजी सचिव के तौर पर ही की है. आरजेडी के भीतर उनका पद राजनीतिक सलाहकार की है. संजय 2015 में पहली बार तब सुर्खियों में आए थे, जब तेजस्वी बिहार के डिप्टी सीएम बने थे.

2021 में लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप ने संजय पर पार्टी को खत्म करने का आरोप भी लगाया था. हालांकि, लालू यादव के दखल के बाद मामला शांत हो गया था. संजय मूल रूप से हरियाणा के रहने वाल हैं और कहा जाता है कि क्रिकेट प्रैक्टिस के दौरान वे तेजस्वी के संपर्क में आए थे.

तेजस्वी ने जब क्रिकेट छोड़ने की घोषणा की, तब संजय एक एमएनसी कंपनी में थे. तेजस्वी के कहने पर वे यहां से सीधे बिहार आ गए. तब से उनके साथ ही हैं.

4. संजय कुमार झा- जेडीयू के राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने भी अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी के सहयोगी और सलाहकार के तौर पर की थी. संजय झा अभी जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं.

वे बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. 2006 में पहली बार झा विधानपरिषद के लिए चुने गए थे. 2012 में झा ने नीतीश कुमार का दामन थाम लिया था. उस वक्त वे नीतीश कुमार का ब्लॉग मैनेजमेंट का काम देखते थे.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

क्या धारावी की जमीन के मालिक बन जाएंगे अडानी, जानिए असल कहानी?     |     EVM के इस्तेमाल की जिद क्यों? एलन मस्क की टिप्पणी के बाद अखिलेश यादव का सवाल     |     इंस्टा पर दोस्ती, होटल ले जाकर दोस्तों ने किया गंदा काम… सुसाइड से पहले युवक बता गया दर्द भरी दास्तां     |     तांत्रिक ने बीमारी ठीक करने का झांसा देकर महिला से किया दुष्कर्म     |     T20 World Cup: पाकिस्तान के बाहर होने पर सिद्धू ने खोली ICC की पोल, गावस्कर ने भी की खिंचाई     |     संसद में अब 2014 और 2019 वाली स्थिति नहीं…कभी भी गिर सकती है सरकार, स्पीकर पद को लेकर संजय राउत का बड़ा बयान     |     आयकर में दान पर टैक्स छूट के लिए फार्म 10बीई जरूर लें करदाता     |     राहुल गांधी ने छोड़ी वायनाड सीट तो प्रियंका गांधी होंगी उम्मीदवार! अगले तीन दिन में होगा फैसला     |     कोटा कोचिंग सेंटर में IIT की तैयारी करने वाले छात्र ने किया सुसाइड     |     उज्जैन से पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा शुरू, CM मोहन यादव ने दिखाई हरी झंडी     |     छत्तीसगढ़: संगठन में अंदरूनी कलह से परेशान, 9 नक्सलियों ने पुलिस के सामने किया सरेंडर     |     गाजीपुर में बिजली बिल वसूलने गई सरकारी टीम, गांव वालों ने मोबाइल छीना फिर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा     |     लवली कंडारा केस में CBI की इंट्री, पुलिस की बढ़ी मुश्किलें, सीआई सहित पांच के खिलाफ मामला दर्ज     |     उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड, लखनऊ से लेकर पटना और पानीपत तक ओला-बारिश; कोहरे की गिरफ्त में होंगे ये 10 राज्य     |     सूट-बूट में आए चोर, ताला तोड़ा और उड़ा लिया 30 लाख का माल; वीडियो देखकर हैरत में पड़ी पुलिस     |     लॉस एंजलिस आग का क्या है गाजा कनेक्शन, अमेरिका को क्यों कोस रही दुनिया?     |     बीजेपी ने दिल्ली में जारी की उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट, करावल नगर से कपिल मिश्रा को टिकट     |     अचानक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के घर पहुंच गए शिवराज, जानें क्यों की मुलाकात ?     |     घर के बाहर खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ करने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा, निकाला जुलूस     |     जीतू यादव पर अनुशासनात्मक कार्रवाई से गदगद हुए कमलेश कालरा, बोले- FIR दर्ज कर जेल भेजा जाए     |    

Pradesh Samna
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें