7 राज्यों की 13 सीटों पर नतीजे आ चुके हैं. इनमें से 2 राज्यों की 5 में से 4 सीटों पर कांग्रेस, बंगाल की चारों सीटों पर टीएमसी और पंजाब की एक सीट पर आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है. वहीं BJP को इस उपचुनाव में बड़ा झटका लगा है. पार्टी सिर्फ हिमाचल की हमीरपुर समेत 2 सीट पर ही जीत दर्ज कर पाई है. वहीं बिहार के रुपौली में JDU और RJD दोनों ही पार्टी को मुंह की खानी पड़ी है. यहां ये निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने बाज़ी मारी है. वहीं तमिलनाडु की विक्रवंडी सीट पर DMK ने जीत दर्ज की है.
लोकसभा चुनाव के बाद पहला लिटमस टेस्ट
7 राज्यों की 13 सीटों में से बीजेपी के खाते में सिर्फ 2 सीट आई है. वहीं विपक्षी दलों को 10 सीटों पर जीत मिली है. बिहार की रुपौली सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है. कुल मिलाकर माना जा सकता है कि इस उपचुनाव में NDA गठबंधन की बड़ी हार हार हुई है. वहीं I.N.D.I.A. गठबंधन के दल भले ही कुछ सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे लेकिन इसका फायदा बीजेपी को नहीं मिल पाया.
उपचुनाव के नतीजों से बढ़ी बीजेपी की चिंता?
7 राज्यों के विधानसभा उपचुनाव के नतीजों ने बीजेपी की चिंता को बढ़ा दिया है. जहां एक ओर बीजेपी लोकसभा में अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई वहीं अब विधानसभा में मिली बड़ी हार से पार्टी को बड़ा धक्का लगा है. उपचुनाव में बीजेपी सिर्फ 2 सीट जीत पाई है, वहीं बंगाल में जिन 3 सीटों पर बीजेपी ने 2021 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी उन्हें भी गंवा दिया है. अगर बिहार की बात करें तो यहां NDA और INDIA गठबंधन दोनों को हार का सामना करना पड़ा है. रुपौली में न तो सीएम नीतीश कुमार का जादू चला और न ही 5 बार की विधायक बीमा भारती ही कुछ खास कमाल दिखा पाईं.
13 सीटों पर पहले क्या थे समीकरण?
राज्यों की इन 13 सीटों में से बंगाल की 3 सीट पर बीजेपी के पास थीं. वहीं 2 सीट पर कांग्रेस और 8 पर अन्य का कब्जा था. इन सीटों पर उपचुनाव से सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस और टीएमसी को हुआ है. कांग्रेस ने 13 में से 8 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे, पार्टी ने इनमें से 5 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं बंगाल में ममता दीदी का दबदबा बरकरार है. यहां उनकी पार्टी ने राज्य की चारों सीटों पर उपचुनाव जीता है. इसके अलावा पंजाब में आम आदमी पार्टी अपनी सीट बचाने में कामयाब रही है, वहीं सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नतीजा बिहार की रुपौली सीट का रहा है, यहां निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने आरजेडी की बीमा भारती और जेडीयू के कलाधर मंडल को हार का स्वाद चखाया है.
बंगाल में बीजेपी को बड़ा झटका
बंगाल की राणाघाट दक्षिण, बगदा और रायगंज सीट पर बीजेपी ने 2021 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी, लेकिन अब पार्टी को इन तीनों सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा है. बंगाल की इन तीनों सीटों पर बीजेपी विधायकों के इस्तीफे की वजह से उपचुनाव हुए, बीजेपी विधायकों ने इस्तीफा देकर टीएमसी का दामन थाम लिया था. टीएमसी ने इनमें से 2 उम्मीदवारों को उपचुनाव में मौका दिया और जीत हासिल की.
दलबदलुओं के लिए कड़ा संदेश
उपचुनाव में बंगाल को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में दल बदलने वालों का बुरा हाल हुआ है. हिमाचल की तीनों सीटों पर निर्दलीय विधायकों के इस्तीफा देने और बीजेपी में शामिल होने की वजह से उपचुनाव हुए, लेकिन इनमें से सिर्फ एक सीट पर ही बीजेपी जीत हासिल कर पाई. वहीं उत्तराखंड की बद्रीनाथ और पंजाब की जालंधर सीट पर भी दलबदलुओं के हार का मुंह देखना पड़ा है. इसी तरह से बिहार की रुपौली सीट पर 5 बार से विधायक रहीं बीमा भारती को जनता ने कड़ा सबक सिखाया है. लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था वहीं विधानसभा चुनाव में तो उनका और बुरा हाल हुआ है. जेडीयू छोड़ आरजेडी में आईं बीमा भारती उपचुनाव में तीसरे स्थान पर रहीं.
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