उत्तर प्रदेश में विधानसभा की दस सीटें खाली हो रही हैं. चुनाव आयोग की घोषणा के बाद इन सीटों पर कभी भी मतदान की तारीखों का ऐलान हो सकता है. इस बार विधानसभा उपचुनाव के बहाने बीजेपी यूपी में फिर से अपनी धमक बनाए रखना चाहती है. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी की 29 सीटें कम हो गई थी. जिसके चलते बीजेपी बहुमत के आंकड़े से पीछे रह गई थी.
लेकिन अब बीजेपी कैंप ने तय किया है जो हुआ सो हुआ. अब आगे इंडिया गठबंधन को हर मोर्चे पर मात देनी है. इसके लिए बीजेपी के थिंक टैंक ने रोड मैप तैयार कर लिया है. इस रणनीति में मुस्लिम बाहुल्य सीटें सहयोगी दलों को देने की तैयारी है. फार्मूला ये है कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे.
क्या है सीटों का समीकरण
उत्तर प्रदेश में जिन दस सीटों पर उप चुनाव होने हैं उनमें से 5 पर समाजवादी पार्टी का कब्जा था. तीन सीटें बीजेपी के पास थीं. जबकि एक एक सीट बीजेपी के सहयोगी दलों आरएलडी और निषाद पार्टी के पास थीं. लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद से यूपी बीजेपी में घमासान मचा हुआ है. पार्टी के नेता एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं.
ऐसे में घर को ठीक करने के लिए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने सभी दस सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाली मिल्कीपुर सीट जीतने के लिए एक अलग कमेटी बनाई गई है. मिल्कीपुर से विधायक रहे अवधेश प्रसाद फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद चुने गए हैं. इसी लोकसभा सीट में अयोध्या है. ये हार बीजेपी के लिए गले की फांस बनी है. अयोध्या और राम मंदिर सालों से बीजेपी का मुद्दा रहा है.
मुस्लिम सीटों पर बीजेपी का प्लान
बीजेपी की तैयारी कुंदरकी सीट भी समाजवादी पार्टी से छीनने की है. संभल जिले की कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में 62 प्रतिशत मुसलमान वोटर हैं. बीजेपी यहां सिर्फ एक बार 1993 में ही जीत पाई थी. पिछली बार यहां से समाजवादी पार्टी के जियाउर्रहमान बर्क विधायक चुने गए थे. वे अब संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद बन गए हैं. वे पार्टी के बड़े नेता रहे शफीकुर्रहमान बर्क के पोते हैं.
बीजेपी इस बार ये सीट राष्ट्रीय लोक दल को देना चाहती है. आरएलडी से मुस्लिम उम्मीदवार देकर बीजेपी इस बार समाजवादी पार्टी का खेल खराब करना चाहती है. इसके लिए बीजेपी का प्रदेश नेतृत्व समाजवादी पार्टी के दो मुस्लिम नेताओं के संपर्क में है.
मजबूत उम्मीदवारों की तलाश
यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी इन दिनों उप चुनाव के लिए मजबूत उम्मीदवारों की तलाश में हैं. जिन दस सीटों पर उप चुनाव होने हैं, उनमें मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट आरएलडी के पास थी. यहां के विधायक चंदन चौहान अब बिजनौर से लोकसभा सांसद बन गए हैं. बीजेपी इस बार मीरापुर अपने पास रख कर कुंदरकी सीट आरएलडी को देना चाहती है. वैसे जयंत चौधरी से बात अभी फाइनल नहीं हुई है.
कुंदरकी से मजबूत उम्मीदवार उतारने के लिए समाजवादी पार्टी के दो नेताओं से बातचीत चल रही है. सूत्र बताते हैं कि पार्टी के प्रदेश नेतृत्व से इनकी मुलाकात भी हो चुकी है. इनमें से एक मायावती सरकार में मंत्री थे. अब वे अखिलेश यादव के साथ हैं. जबकि दूसरे नेता पीस पार्टी से विधायक रह चुके हैं. अब वे भी समाजवादी पार्टी में हैं. अगर इनसे बात नहीं बनी तो फिर बीजेपी अपना ही कोई उम्मीदवार उतारने का फैसला कर सकती है.
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