रिफॉर्मिस्ट मसूद पेजेशकियान होंगे ईरान के नए राष्ट्रपति, कट्टरपंथी जलीली का नहीं चला सिक्का

मसूद पेजेशकियान ईरान के नए राष्ट्रपति होंगे. उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में कट्टरपंथी नेता सईद जलीली को करारी शिकस्त दी. रन ऑफ में पेजेशकियान को 16,384,403 वोट मिले जबकि जलीली 13,538,179 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे. पेजेशकियान और जलीली के बीच शुक्रवार को सीधा मुकाबला था. इस मुकाबले में पेजेशकियान ने शानदारी जीत हासिल की.

इससे पहले वहां 28 जून को पहले राउंड की वोटिंग हुई थी लेकिन उस राउंड में किसी भी उम्मीदवार को 50 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं मिले या यूं कहें कि पूर्ण बहुमत नहीं मिले थे. ईरान में जीत के लिए 50 फीसदी वोट चाहिए होते हैं. पिछले हफ्ते हुए पहले दौर के मतदान में पेजेशकियान को करीब 42 फीसदी जबकि जलीली को 39 फीसदी वोट मिले थे.

इसके बाद शुक्रवार को टॉप के दो उम्मीदवारों के बीच फिर फाइनल मुकाबला कराया गया.फाइनल और निर्णायक मुकाबले में कट्टरपंथी जलीली का सिक्का नहीं चला और पेजेशकियान ने बाजी मार ली. पेजेशकियान की जीत के बाद उनके समर्थकों ने तेहरान और अन्य शहरों में सड़कों पर उतरकर जश्न मनाना शुरू कर दिया है. ईरान में पेजेशकियान की पहचान सुधारवादी नेता के तौर पर है.

खामनेई के करीबी जलीली का नहीं चला सिक्का

वहीं, कट्टरपंथी सईद जलीली को ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई का करीबी माना जाता है. ईरान में ये चुनाव ऐसे समय में हुए हैं, जब इजराइल-हमास के बीच जारी युद्ध को लेकर पश्चिम एशिया में व्यापक स्तर पर तनाव है और ईरान पिछले कई वर्षों से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 80 लोगों ने आवेदन किया था लेकिन बाद में सिर्फ 6 नामों पर ही मुहर लगी.

हालांकि, वोटिंग से ठीक पहले दो उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया था. इसके बाद राष्ट्रपति पद की रेस कुल 4 उम्मीदवार थे. पहले राउंड में मसूद पेजेशकियान और सईद जलीली के बीच कड़ा मुकाबला हुआ जबकि मोहम्मद बाकर कालीबाफ और मुस्तफा पोरमोहम्मदी पहले ही राउंड में रेस से बाहर हो गए. ये दोनों तीसरे व चौथे स्थान रहे.

कौन हैं मसूद पेजेशकियान?

मसूद पेजेशकियन पेशे से एक कार्डियक सर्जन हैं. उनका जन्म ईरान के महाबाद में 1954 में हुआ था. शुरुआती शिक्षा के बाद उन्होंने ताब्रीज यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज से मेडिकल की पढ़ाई की. 1993 में ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज से कार्डियक सर्जरी में स्पेशलाइजेशन किया. हार्ट सर्जन बनने के बाद में वो 1994 में ताब्रीज यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के अध्यक्ष बन गए. पांच साल तक वो इस पोस्ट पर बने रहे. 1997 में वो पहली बार राजनीति में आए. राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी के कार्यकाल में वो डिप्टी हेल्थ मिनिस्टर रहे. 2001 से 2005 तक पेजेशकियन ईरान के स्वास्थ्य मंत्री रहे. 2016 से 2020 तक डिप्टी स्पीकर रहे. पांच बार के सांसद रहे.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

क्या धारावी की जमीन के मालिक बन जाएंगे अडानी, जानिए असल कहानी?     |     EVM के इस्तेमाल की जिद क्यों? एलन मस्क की टिप्पणी के बाद अखिलेश यादव का सवाल     |     इंस्टा पर दोस्ती, होटल ले जाकर दोस्तों ने किया गंदा काम… सुसाइड से पहले युवक बता गया दर्द भरी दास्तां     |     तांत्रिक ने बीमारी ठीक करने का झांसा देकर महिला से किया दुष्कर्म     |     T20 World Cup: पाकिस्तान के बाहर होने पर सिद्धू ने खोली ICC की पोल, गावस्कर ने भी की खिंचाई     |     संसद में अब 2014 और 2019 वाली स्थिति नहीं…कभी भी गिर सकती है सरकार, स्पीकर पद को लेकर संजय राउत का बड़ा बयान     |     आयकर में दान पर टैक्स छूट के लिए फार्म 10बीई जरूर लें करदाता     |     राहुल गांधी ने छोड़ी वायनाड सीट तो प्रियंका गांधी होंगी उम्मीदवार! अगले तीन दिन में होगा फैसला     |     कोटा कोचिंग सेंटर में IIT की तैयारी करने वाले छात्र ने किया सुसाइड     |     उज्जैन से पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा शुरू, CM मोहन यादव ने दिखाई हरी झंडी     |     सलमान खान नहीं, इस सुपरस्टार ने शुरू किया था शर्ट उतारने का ट्रेंड, शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया नाम     |     चोट पर चोट… अभी भी फिट नहीं हुआ टीम इंडिया का ये खिलाड़ी, इंग्लैंड सीरीज से बाहर!     |     शेयर बाजार की गिरावट का कैसे निकलेगा तोड़, निवेशकों के डूबे 12 लाख करोड़     |     महाकुंभ 2025: प्रयागराज में यहां मिल रहे हैं सबसे सस्ते होटल, मिलेंगी ये सुविधाएं     |     दुनिया में 54% स्मार्टफोन होंगे AI टेक्नोलॉजी वाले, फ्यूचर की दुनिया को लेकर आया बड़ा अपडेट     |     लोहड़ी के दिन इन चीजों का करें दान, परिवार में बनी रहेंगी खुशियां!     |     अटलांटा में भारी बर्फबारी, डेल्टा फ्लाइट का इंजन खराब, इमरजेंसी स्लाइडर से उतरे यात्री, 4 घायल     |     ज्यादा जल्दी वजन कम करने से शरीर को क्या नुकसान हो सकते हैं? जान लीजिए इसका जवाब     |     प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ: एक साल में कितनी बदली अयोध्या, क्या ‘रामराज्य’ आया?     |     मंत्रोच्चार, पंचामृत से अभिषेक, सोने-चांदी के धागे से बने वस्त्र…राम मंदिर की पहली वर्षगांठ पर रामलला का हुआ भव्य शृंगार     |    

Pradesh Samna
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें