दिल्ली की सभी सात सीटों पर आज वोटिंग हो रही है. छठवें चरण की वोटिंग में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल समेत अन्य कई नेताओं ने वोट डाले. लेकिन गौर करने वाली बात है कि कभी एक दूसरे के धुर विरोधी रहे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, आज साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. पहली बार गांधी परिवार ने आम आदमी पार्टी को वोट डाला तो AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस उम्मीदवार को वोट दिया.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद से दिल्ली की सियासत में और दिलचस्पी लोगों की बढ़ गई है. 2024 का ये आम चुनाव ऐसा है. बीजेपी को पटखनी देने के लिए विरोधी दल हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी को हराने के लिए ही विरोधी दल न सिर्फ एक साथ आए, बल्कि पार्टी के शीर्ष नेताओं ने परंपराओं को तोड़कर सहयोगी दल के उम्मीदवार को वोट दिया है.
जब नीतियों और शासन को कटघरे में खड़ा किया था
एक समय ऐसा था जब कांग्रेस के शासन और नीतियों को आम आदमी पार्टी कटघरे में खड़ा करती थी. उनकी राजनीति और नेताओं पर सवाल खड़े करती थी, आज वही आम आदमी पार्टी कांग्रेस के लिए वोट कर रही है. आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने ना सिर्फ कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए रोड शो करके वोट मांगा बल्कि खुद भी परिवार के साथ कांग्रेस उम्मीदवार जेपी अग्रवाल को वोट डाला.
तो वहीं दिल्ली में डेढ़ दशक और पंजाब की 5 साल की सत्ता से बेदखल करने का गम भुलाकर, कांग्रेस ने अपने हाथों में झाड़ू थाम लिया है. गांधी परिवार ने पहली बार कांग्रेस के बाहर किसी दल को वोट दिया है. सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी ने नई दिल्ली से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सोमनाथ भारती को वोट किया.
पहले भी साथ आ चुके हैं दोनों दल
ये कोई पहला मौका नहीं है जब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस साथ आए हों. इससे पहले भी दोनों राजनीतिक पार्टियों ने एक दूसरे का दामन थामा था. दिल्ली में 2013 के विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश आने पर आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई थी. हालांकि वो गठजोड़ 49 दिन ही चल पाया था. लेकिन इस बार देखना होगा कि होगा कि क्या 4 जून के बाद भी इंडिया गठबंधन और ये दल साथ रहेंगे या फिर रास्ते जुदा हो जाएंगे.
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