यूपी की इन 31 सीटों पर टिकी दिल्ली की सत्ता, उलटफेर हुआ तो बिगड़ जाएगा BJP का खेल?

सियासत में एक कहावत है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है. यह बात कहने के पीछे मजबूत तर्क है कि देश की सबसे ज्यादा 80 सीटें यहीं हैं. पंडित जवाहर लाल नेहरू से इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी तक यूपी से ही जीतकर प्रधानमंत्री बने. यही वजह है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन दोनों ने ही उत्तर प्रदेश में पूरी ताकत झोंक रखी है. यूपी में इस बार कांटे का मुकाबला माना जा रहा है. सूबे में ढाई दर्जन लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जिस पर देश की सत्ता टिकी हुई है. इन सीटों पर कुछ वोटों के उलटफेर से 2024 के चुनाव का सियासी गणित बीजेपी का गड़बड़ा सकता है.

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 31 सीटें ऐसी हैं, जिन पर 2019 के चुनाव में जीत-हार का मार्जिन एक लाख या फिर उससे कम वोटों का था. इन सीटों पर कुछ वोट के इधर से उधर होने से सारा गणित बिगड़ सकता है क्योंकि लोकसभा चुनाव में एक लाख वोटों का मार्जिन बहुत ज्यादा नहीं होता है. यूपी में एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन के बीच सीधी लड़ाई होती नजर आ रही है. ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती लोकसभा चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कवायद में हैं, लेकिन कामयाब होती नहीं दिख रही हैं.

2019 के चुनाव में यूपी की 80 में से 64 सीटें बीजेपी गठबंधन ने जीती थीं, जबकि सपा 5 सीट, बसपा 10 और कांग्रेस को एक सीट मिली थी. पिछले चुनाव के नतीजे का विश्लेषण करते हैं तो 31 सीटों पर जीत-हार का अंतर एक लाख वोट या फिर उससे कम का था. कम मार्जिन वाली 31 सीटों में से 22 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, तो 6 सीट बसपा, दो सीट सपा और एक सीट अपना दल (एस) ने जीती थी. ऐसे में अगर इन सीटों पर मतदाता सियासी करवट बदलते हैं तो फिर बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा परेशानी खड़ी हो जाएगी और उसके बाद मायावती को टेंशन पैदा कर सकती है.

पिछले लोकसभा चुनाव में कम मार्जिन वाली सीटों में देखें तो चार सीटें ऐसी हैं, जिन पर हार जीत का अंतर दस हजार से कम था, जिसमें दो सीटें ऐसी हैं, जहां पांच हजार से भी कम का मार्जिन था. इसके अलावा 5 सीटें ऐसी हैं, जिन पर हार जीत का अंतर का 10 हजार से 20 हजार के बीच का था. लोकसभा की सात सीटें ऐसी हैं, जिन पर हार जीत का अंतर 20 हजार से 50 हजार के बीच का था. इसके अलावा सूबे की 15 लोकसभा सीटों पर जीत-हार का अंतर 50 हजार से एक लाख तक का था.

10 हजार से कम अंतर वाली 4 सीटें थी

यूपी में मछली शहर लोकसभा सीट पर सबसे कम अंतर रहा था. बीजेपी यह सीट महज 181 वोटों से जीतने में सफल रही थी. 2019 में मछली शहर और मेरठ सीट पर जीत हार का अंतर 5 हजार से कम का था. यह दोनों ही सीटें बीजेपी जीती थी. इसके अलावा 5 से 10 हजार के बीच जीत हार के अंतर वाली सीट मुजफ्फरनगर और श्रावस्ती सीट थी. मुजफ्फरनगर सीट बीजेपी 6526 वोटों से जीती थी, तो श्रावस्ती सीट बसपा ने 5320 ने जीती थी. इस तरह 10 हजार से कम मार्जिन वाली सीटों को देखें तो तीन बीजेपी के पास और एक बसपा के पास है.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

क्या धारावी की जमीन के मालिक बन जाएंगे अडानी, जानिए असल कहानी?     |     EVM के इस्तेमाल की जिद क्यों? एलन मस्क की टिप्पणी के बाद अखिलेश यादव का सवाल     |     इंस्टा पर दोस्ती, होटल ले जाकर दोस्तों ने किया गंदा काम… सुसाइड से पहले युवक बता गया दर्द भरी दास्तां     |     तांत्रिक ने बीमारी ठीक करने का झांसा देकर महिला से किया दुष्कर्म     |     T20 World Cup: पाकिस्तान के बाहर होने पर सिद्धू ने खोली ICC की पोल, गावस्कर ने भी की खिंचाई     |     संसद में अब 2014 और 2019 वाली स्थिति नहीं…कभी भी गिर सकती है सरकार, स्पीकर पद को लेकर संजय राउत का बड़ा बयान     |     आयकर में दान पर टैक्स छूट के लिए फार्म 10बीई जरूर लें करदाता     |     राहुल गांधी ने छोड़ी वायनाड सीट तो प्रियंका गांधी होंगी उम्मीदवार! अगले तीन दिन में होगा फैसला     |     कोटा कोचिंग सेंटर में IIT की तैयारी करने वाले छात्र ने किया सुसाइड     |     उज्जैन से पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा शुरू, CM मोहन यादव ने दिखाई हरी झंडी     |     मणिपुर: म्यांमार से हो रही हथियारों की तस्करी… मैतेई समुदाय ने केंद्र से की NRC लागू करने की मांग     |     घुसपैठ को लेकर RPF भी अलर्ट, पिछले 4 सालों में 900 से अधिक बांग्लादेशी-रोहिंग्या पकड़े     |     आम आदमी पार्टी ने जारी की 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट, दिल्ली और पंजाब के सभी मंत्रियों का नाम शामिल     |     उत्तराखंड में UCC मैनुअल को भी धामी कैबिनेट से मंजूरी, CM बोले- जल्द जारी करेंगे तारीख     |     एक गांव के 5 लोगों की मौत, जहरीली शराब या फिर कुछ और… क्या है वजह?     |     पांच पुलिस अफसरों पर चलेगा केस..बदलापुर एनकाउंटर पर बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा फैसला     |     खाने के लाले, छप्पर का घर, सब्जी बेचते हैं पिता… खो-खो का वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाली मोनिका की कहानी     |     इधर इजराइल और हमास के बीच हुई शांति, उधर भारत के पड़ोस में छिड़ गई जंग!     |     खूनी, खिचड़ी और बर्फानी… कितनी तरह के होते हैं नागा साधु, स्वभाव में इतना अंतर     |     दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा, सियालदह कोर्ट ने सुनाया फैसला     |    

Pradesh Samna
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें