ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत के बाद कई देशों ने दुख जाहिर किया है और ईरान के साथ इस दुख की घड़ी में खड़े रहने की बात भी कही है. इस बीच अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि ईरान ने हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद उनसे मदद मांगी थी. दोनों देशों के बीच लंबे समय से कड़ी दुश्मनी है, लेकिन दुख की इस घड़ी में ईरान ने अमेरिका से संपर्क किया.
19 मई को ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत में हुए इस हादसे पर अमेरिका के विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, “ईरान, जिसका 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से वाशिंगटन के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं है, उसने कोहरे के मौसम में रईसी के पुराने हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उनसे संपर्क किया था.”
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मीडिया को बताया कि ईरानी सरकार ने हमसे सहायता की मांग की थी. उन्होंने आगे कहा जैसे हम दूसरे देशों की मुसीबत के समय मदद करते हैं, वैसे ही ईरान की भी करना चाहते हैं. लेकिन तार्किक कारणों से हम मदद करने में असमर्थ हैं. हालांकि मिलर ने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है.
ईरान ने किस प्रकार की मदद मांगी?
मैथ्यू मिलर ने विस्तार में यह बताने से इनकार कर दिया कि दोनों देशों ने कैसे संवाद किया. लेकिन उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि ईरान ने रईसी के हेलीकॉप्टर को खोजने के लिए तत्काल मदद की मांग की थी. दरअसल, जिस हेलिकॉप्टर में ईरान के राष्ट्रपति सवार थे, वो अमेरिका द्वारा निर्मित था और 40 साल पुराना था. ऐसे में समझा जा रहा है कि जब क्रैश के बाद घंटों तक रईसी के हेलिकॉप्टर का सुराग नहीं मिल पा रहा था, तब ईरान की तरफ से अमेरिका से ये मदद मांगी गई होगी.
यह हादसा ईरान और इज़राइल के बीच शांति बनाने के मकसद से ओमान में अमेरिका और ईरान के बीच हुई शांति वार्ता के बाद हुआ है. अमेरिकी विदेश विभाग ने ईरानी नेताओं की मौतों पर आधिकारिक संवेदना व्यक्त भी की है.
रईसी को बताया खूनी
अमेरिका की ओर से इस हादसे पर संवेदना जताई गई. लेकिन अमेरिका ने ईरानी राष्ट्रपति के लिए कोई संवेदना नहीं दिखाई है. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, “यह एक ऐसे शख्स थे जिनके हाथों पर बहुत खून लगा था, उन्होंने कहा कि रईसी “नृशंस” दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार थे.” हालांकि, किर्बी ने कहा कि किसी भी अन्य मामले की तरह हम मौतों पर खेद व्यक्त करते हैं.
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