इंदौर। नगर निगम ने शहर की 531 कालोनियों के रेट जोन में बदलाव लागू कर दिया है। इन कालोनियों के संपत्तिकर और कचरा शुल्क में 10 प्रतिशत से लेकर 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। इन कालोनियों के रहवासियों को बढ़ा हुआ शुल्क वर्ष-2024-25 से ही देना होगा। नई दरों को नगर पालिका के ई-पोर्टल पर अपडेट कर दिया गया है। कांग्रेस इस शुल्क बढ़ोतरी के विरोध में उतर आई है।
नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने इसे जनता के साथ धोखा बताते हुए कहा कि परिषद की बैठक में शोरगुल के बीच बगैर चर्चा बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूर कर दिया गया था। हमने उस वक्त आपत्ति दर्ज कराई थी जिसके बाद यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चल गया था। अब इसे लागू कर जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ाया जा रहा है।
नगर निगम का वित्तीय वर्ष-2023-24 का बजट 27 अप्रैल 2023 को पेश हुआ था। इसमें निगम ने कोई नया कर तो नहीं लगाया, लेकिन अपने खाली खजाने को भरने के लिए शहर की 531 कालोनियों के रेट जोन जरूर बदल दिए गए थे। वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव होने की वजह से इस प्रस्ताव को लागू करने के बजाय ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, जिसे अब लागू किया गया है।
निगम सीमा के 85 वार्ड की 531 कालोनियों में अधोसंरचनात्मक परिवर्तन, मूल्यांकन वृद्धि, भौगोलिक स्थिति और सुविधाओं के नाम पर संपत्ति मूल्य की गणना कर रेट जोन बदले गए हैं। इसके अलावा कचरा संग्रहण शुल्क भी बढ़ाया गया है। इसमें 20 रुपये से 30 रुपये तक कचरा शुल्क बढाया गया है।
इस बदलाव के बाद नगर निगम को इन 531 कालोनियों से प्रतिवर्ष 120 करोड़ रुपये ज्यादा मिलने की उम्मीद है। इधर बढ़ोतरी के विरोध में उतरी कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि वे इस संबंध में सोमवार को निगमायुक्त को ज्ञापन देंगे।
बदलाव में हैं कई विंसगतियां
रेट जोन में किए गए बदलाव में कई विसंगतियां भी हैंं। बदलाव के बाद बड़ा सराफा, सांठा बाजार जैसे सघन और विशुद्ध व्यवसायिक क्षेत्र की संपत्ति का संपत्ति कर स्कीम 78 अरण्य नगर जैसी कालोनियों के समान हो गया है। शालीमार टाउनशिप, अनुराग नगर एक्टेंशन जैसी कालोनियों को इस बदलाव में जोन तीन से जोन एक में कर दिया गया है।
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