उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में सरकारी नौकरी में घालमेल का मामला सामने आया है. जिले के आला अधिकारियों को इस घालमेल की भनक तक नहीं लगी. ग्राम पंचायत अधिकारी की जगह पर 10 सालों से बेटा नौकरी कर रहा था. यही नहीं वह सरकारी चेक से लेकर रिपोर्ट व पत्रावली पर भी पिता का फर्जी हस्ताक्षर करता था. इसको लेकर शिकायतकर्ता ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से विभाग को सूचित किया है.
शिकायतकर्ता ने बताया कि बाराचवर विकासखंड में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी गोपाल सिंह 10 सालों से स्वंय इस पद पर नौकरी नहीं करते हैं. उनकी जगह उनका बेटा गौरव कुमार उर्फ आशीष सिंह ग्राम पंचायत अधिकारी का पद संभाल रहे हैं.
5 बार किया जा चुका निलंबित
इस मामले में सबसे हैरानी वाली बात यह है कि पिता की जगह पर नौकरी कर रहे गौरव को इन 10 सालों में पांच बार अनियमितता के मामले में निलंबित भी किया जा चुका है. इस मामले में गैर जिले के अधिकारियों ने भी जांच की थी. पिता की जगह बेटे की नौकरी करने की जानकारी उन्हें नहीं हो सकी, जो एक बड़ा सवाल भी है.
कागजों पर करता था फर्जी दस्तक
इस मामले को लेकर सदर ब्लॉक के सकरा गांव के रहने वाले रामपाल सिंह ने जिले के आला अधिकारियों को इस बात की शिकायत की है. इसकी जानकारी पुलिस विभाग को भी स्पीड पोस्ट के माध्यम से दी गई है. शिकायतकर्ता रामपाल ने बताया कि यह मामला बाराचवार विकासखंड में तैनाद ग्राम पंचायत अधिकारी गोपाल सिंह का है, जो पिछले 10 सालों से अपने बेटे से नौकरी करवा रहे हैं. शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि बेटा ही सरकारी कागजों पर पिता का फर्जी दस्तक और चेक को पर फर्जी हस्ताक्षर कार्यकर्ता है.
जांच के लिए गई थीं कई टीमें
पिछले दिनों लोकायुक्त के निर्देश पर चंदौली जिले के अपर जिलाधिकारी और उनकी टीम भी असवार गांव में जांच करने के लिए पहुंची थी. उस वक्त भी टीम को जानकारी नहीं हो पाई की पिता की जगह बेटा ग्राम पंचायत अधिकारी बन बैठा है. कुछ दिन बाद जॉइंट सेक्रेटरी अजय कुमार ओझा ने आईजीआरएस की शिकायत को गंभीरता से लिया. इस मामले की जांच के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.