कनाडा ने हरदीप निज्जर मामले में अमेरिका समेत मित्र देशों से की संयुक्त बयान की मांग, वॉशिंगटन ने कहा- ‘No’
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्या मामले में कनाडा को अमेरिका ने बड़ा झटका दिया है। कनाडाई अधिकारियों ने अमेरिका समेत अपने करीबी राष्ट्र अमेरिका, यूके, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के सामने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मामला उठाया और भारत के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयान जारी करने को गया। लेकिन सभी मित्र राष्ट्रों ने इसे अस्वीकार कर दिया है। खासकर अमेरिका प्रशासन की ओर से पूरी तरह नकार दिया गया है। दरअसल, अमेरिका भारत को चीन के प्रतिद्ववंदी के रूप मे देखता है। यह विवाद ऐसे समय आया है जब व्हाइट हाउस के नेतृत्व में पश्चिमी देश भारत को एक भू-राजनीतिक और व्यापार भागीदार के रूप में लुभाने की कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने भारत के सत्तावादी पीछे हटने पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने से परहेज किया है।
बता दें कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा ने भारत के शीर्ष राजनायिक को निकालने का ऐलान किया। भारत निज्जर को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक सिख सांस्कृतिक केंद्र के बाहर 18 जून को गोली मार दी गई थी। ट्रूडो ने संसद को बताया था कि उन्होंने पिछले सप्ताह जी20 शिखर सम्मेलन में अपने भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी के सामने इस हत्याकांड का मामला उठाया था। ट्रूडो के मुताबिक, उन्होंने मोदी से कहा कि भारत सरकार की कोई भी संलिप्तता अस्वीकार्य होगी और उन्होंने जांच में सहयोग देने का आग्रह भी किया है।
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप कनाडा में भारतीय खुफिया प्रमुख को निष्कासित कर दिया गया है। जोली ने कहा, ‘‘अगर यह आरोप सच साबित हुआ, तो यह हमारी संप्रभुता और देशों के एक-दूसरे के साथ व्यवहार करने के सबसे बुनियादी नियम का बड़ा उल्लंघन होगा। इसलिए हमने एक शीर्ष भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया है।” ओटावा में भारतीय दूतावास ने इस घटनाक्रम पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने निज्जर को 2020 में आतंकी घोषित किया था। पंजाब के जालंधर में एक पुजारी की हत्या में निज्जर का हाथ होने के सबूत मिले थे। भारत ने कनाडा के सामने निज्जर को प्रत्यर्पित करने की मांग की। दरअसल, निज्जर पंजाब को खालिस्तान बनाने की मांग करने वाले समूह का हिस्सा था और भारत के अंदर और दुनिया में रह रहे सिख लोगों के बीच काफी पॉपूलर था। बता दें कि निज्जर को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक सिख सांस्कृतिक केंद्र के बाहर 18 जून को गोली मार दी गई थी।
भारत ने आरोपों को किया खारिज
भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इन आरोपों को ‘‘बेतुका” और ‘‘बेबुनियाद” बताकर मंगलवार को सिरे से खारिज कर दिया कि कनाडा में एक खालिस्तानी नेता की हत्या संबंधी घटना में भारत सरकार के एजेंट का हाथ था। विदेश मंत्रालय ने कनाडा में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट का हाथ होने संबंधी ट्रूडो के आरोपों की जांच के बीच वहां की सरकार द्वारा एक शीर्ष भारतीय राजनयिक को निष्कासित किए जाने के बाद यह प्रतिक्रिया दी। कनाडाई नागरिक निज्जर की दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गत 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी। विदेश मंत्रालय ने भारत पर लगाए गए आरोपों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत की संलिप्तता के आरोप ‘‘बेतुके” और ‘‘बेबुनियाद” हैं।
इस साल की शुरुआत में लंदन और सैन फ्रांसिस्को में खालिस्तान समर्थकों ने अपने आंदोलन का झंडा फहराने के लिए भारतीय राजनयिक मिशनों के परिसर पर हमला बोल दिया। जिससे नई दिल्ली सरकार नाराज हो गई। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि खालिस्तान समर्थकों ने विदेशों में तैनात भारतीय राजनयिकों को भी निशाना बनाया है और पश्चिमी सरकारों द्वारा अपर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने को लेकर नाराज हैं।
हाल ही में भारत में संपन्न हुए G20 शिखर सम्मेलन में जस्टिन ट्रूडो को दरकिनार कर दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रूडो के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने से इनकार कर दिया था। दिल्ली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष ट्रूडो के बीच 10 सितंबर को द्विपक्षीय बातचीत हुई थी। ट्रूडो G20 समिट खत्म होने के बाद भी भारत में रूके रहे, इसके पीछे कनाडा सरकार ने विमान में तकनीकी खराबी होने की बात कही थी।
कनाडा के बयान पर अमेरिका का भी रिएक्शन आया है। अमेरिका ने कहा कि वह कनाडा के सरे शहर में ‘सिख कार्यकर्ता’ की हत्या को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत पर आरोपों से ‘बेहद चिंतित’ है। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि प्रधानमंत्री ट्रूडो ने जो आरोप लगाए हैं, उसे लेकर हम बेहद चिंतित हैं, हम कनाडा के अपने सहयोगियों के साथ नियमित संपर्क में रहते हैं, यह जरूरी है कि कनाडा जांच करें और अपराधियों को न्याय के कठघरे में खड़ा करे।
ट्रूडो के बदले सुर
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मंगलवार को कहा कि वह भारत को ‘‘उकसाना या तनाव बढ़ाना” नहीं चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने नयी दिल्ली से सिख अलगाववादी नेता की हत्या को ‘‘बेहद गंभीरता” से लेने का आग्रह किया। एक खालिस्तानी अलगाववादी नेता की जून में हुई हत्या में भारत के ‘‘संभावित” जुड़ाव संबंधी ट्रूडो के आरोपों का हवाला देकर एक भारतीय अधिकारी को कनाडा से निष्कासित किए जाने के कुछ ही घंटे बाद भारत ने एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने की मंगलवार को घोषणा की। भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद ट्रूडो का यह बयान आया है।
कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार को इस मामले को ‘‘बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है।” उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम ऐसा कर रहे हैं। हम उकसाने या तनाव बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।” ट्रूडो ने कहा, ‘‘हम सब कुछ स्पष्ट करने और उचित प्रक्रियाएं सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के साथ काम करना चाहते हैं।”
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