नई दिल्लीः पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बेचा जा रहा “एक और सपना” है और इसका लाभ महिलाओं को 2029 में ही मिल सकेगा। केंद्र सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया।
विधेयक को राजनीतिक मकसद से लाया गयाः सिब्बल
राज्यसभा सदस्य सिब्बल ने कहा कि विधेयक को राजनीतिक मकसद से लाया गया है और उनके लिए यह समझना “आश्चर्यजनक” था कि भाजपा सरकार के 2014 में सत्ता में आने के नौ साल और चार महीने बाद यह विधेयक आज क्यों पेश किया गया। उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘कई वर्षों से यहां तक कि 2014 से पहले भी अधिकतर राजनीतिक दलों की यह मांग रही है कि इस विधेयक को संसद में पेश किया जाए और पारित किया जाए। इसलिए, अगर मोदी जी वास्तव में महिला सशक्तिकरण में दिलचस्पी रखते तो उन्होंने 2014 में विधेयक पेश किया होता।”
महिलाओं को इसका लाभ 2029 में ही मिलेगाः सिब्बल
सिब्बल का कहना था, ‘‘2010 में जब इसे कांग्रेस द्वारा पेश किया गया था, तो पार्टी के पास पूर्ण बहुमत नहीं था और इसलिए इसे पारित नहीं किया जा सका।” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक और सपना बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर इसे 2024 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले श्रेय लेने के राजनीतिक मकसद से पारित किया गया था, हालांकि महिलाओं को इसका लाभ 2029 में ही मिलेगा।”
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