रीवा में एक शिक्षक ने मासूम छात्र को बेरहमी से पीटा हालत गंभीर होने पर छात्र को नागपुर रेफर किया गया।
शिक्षक को ईश्वर का दर्जा दिया गया है। पर वही शिक्षक जब अमानवीय हरकतों पर उतर आए तो वह एक छात्र को क्या ही शिक्षा देगा। मामला रीवा शहर के अमहिया का है जहां बीते 28 अगस्त को जनार्दन कॉलोनी स्थित भास्कर विद्यालय में एक छात्र को उसके म्यूजिक टीचर ने सिर्फ इसलिए बेरहमी से पीटा क्योंकि शिक्षक के कक्षा में प्रवेश करने पर बच्चा खड़ा नहीं हुआ। सिर्फ इतनी सी बात पर शिक्षक को गुस्सा आ गया और उसने छात्र को एक जोरदार थप्पड़ लगा दिया। उन्होंने हाथ में रुद्राक्ष पहन रखा था और थप्पड़ इतना जोरदार था की छात्र के मस्तिष्क में अंदरूनी चोट लग गई। गलती का एहसास होने पर शिक्षक ने बच्चे को घर भेज दिया जब वह घर गया तो मां ने सूजन देखकर चिंता जताई । इस पर छात्र रोने लगा और उसने अपनी माॅ से सारी बात बता दी। पहले तो बच्चे का घर में उपचार किया गया लेकिन बच्चे की हालत और भी बिगड़ती चली गई इसके बाद परिजनों ने छात्र को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया, स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ने पर बच्चों को नागपुर रेफर किया गया जहां पर ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने बताया कि छात्र के मस्तिष्क में अंदरूनी चोट लगी थी जो बाहर से दिखाई नहीं दे रही थी।शिक्षक घटना के बाद से फरार है हालांकि पुलिस ने धारा 308 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।
परंतु चिंता का विषय यह है कि 12 साल के मासूम के साथ ऐसी भयावह मारपीट समाज में क्या संदेश पहुंचाएगी। शिक्षक के भरोसे माता-पिता अपने बच्चों को निश्चिंत होकर स्कूल में छोड़कर आते हैं। अगर वही शिक्षक ऐसी अमानवीय कृत्य करेगा तो फिर परिजन किसके भरोसे अपने बच्चों को शिक्षा के लिए स्कूल में भेजेंगे। आए दिन ऐसे कई घटनाएं आती रहती हैं और ऐसी घटनाएं शिक्षा विभाग की व्यवस्थाओं पर एक सवालिया निशान उठाती हैं ।