भोपाल। राजधानी में वाहन चोरों ने आतंक मचा रहा है, रोजाना वाहन चोरी हो रहे हैं। पिछले पांच दिनों में शहर से दो लाख कीमत के 31 दो पहिया वाहन चोरी हुए। जब पुलिस ने चार वाहन चोरी के बरामद किए हैं तो कीमत ढाई लाख कीमत बताकर वाहवाही लूट ली, खैर इस साल अभी आठ माह में 947 वाहन चोरी हो चुके हैं,जबकि पिछले 1003 वाहन चोरी हुए थे। पुलिस तमाम कोशिश के बाद भी वाहन चोरी पर रोक नहीं लग पा रही है। पुलिस का कहना है कि मामले में पुलिस की गश्त को बढ़ा दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि शहर से रोजाना करीब चार वाहन चोरी हो रहे हैं,यह हालात तब है, जब पुलिस चोरी रोकने के लिए तमाम कोशिश कर रही है। पुलिस वाहन चोरी की रिकवरी 20 से 30 फीसद मान रही है,पुलिस का तर्क रहता है कि कई बार वाहन चोरी होने के बाद वह लावारिश मिल जाते हैं, जबकि वाहन मालिक बीमा राशि मिल जाने के कारण वाहन लेने पहं आता है।
वाहन चोरी का पुलिस कमिश्नरेट में गणित:-
राजधानी में पुलिस कमिश्नरेट बनने के वाहन चोरी की रफतार बढ़ी हुई है। कमिश्नरी के पहले साल में 1200 वाहन चोरी हुए थे। 2022 में यह संख्या 1596 पहुंची और इसी साल आठ माह में यह संख्या 947 के करीब पहुंच चुकी है। वाहन चोर लगातार वारदात कर रहे हैं,लेकिन चौंकाने बात जब समझ वाहन चोरी होने के बाद पुलिस वाहन चोरी की कीमत कम दर्ज करती है और बरामद के बाद ज्यादा बताती है।
वाहन चोरी सबसे अधिक यहां :-
राजधानी के पांच थानों में सबसे अधिक चोरी की वारदात हो रही है:-
राजधानी मेें वाहन चोर सबसे ज्यादा वाहन चोरी की वारदात में पहले नंबर कोहेफिजा दूसरे पर अशोकागार्डन, हनुमानगंज, एमपीनगर और पिपलानी वाहन चोरी के मामले हो रहे हैं।हम बता दें कि एमपीनगर इलाका वाहन चोरी के लिए बदनाम था, यहां पुलिस को वाहन चोरी रोकने ेके लिए चोरों से सावधान का चेतावनी का बोर्ड लगाना पड़ गया था।कोहेफिजा के हमीदिया अस्पताल वाहन चोरी का सबसे बड़ा स्थान बनता जा रहा है। जबकि एमपीनगर में एक बार फिर से वाहन चोरी बढ़ गई है।
पार्किंग और सुनसान स्थान से चोरी:-
वाहन चोर सबसे ज्यादा रैकी कर पार्किंग में खड़े वाहनों से वाहन चोरी किए जाते हैं। जबकि सुनसान स्थान से वाहन चोरी करना आसान हासेता है। बताया जा रहा है कि वाहन चोरी होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में बेच दिए जाते हैं।
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