जन्माष्टमी के मौके पर बिड़ला संग्रहालय में श्रीकृष्ण पर केंद्रित प्रदर्शनी, मंदिरों में मनेगा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

भोपाल। शहर में सामाजिक, सांस्‍कृतिक, कलात्‍मक, खेल, धार्मिक आदि गतिविधियों का सिलसिला चलता रहता है। गुरुवार 07 सितंबर को भी शहर में अनेक ऐसी गतिविधियों का आयोजन होने जा रहा है, जिनका आप आनंद उठा सकते हैं। यहां हम कुछ ऐसे चुनींदा कार्यक्रमों की जानकारी पेश कर रहे हैं, जिसे पढ़कर आपको अपनी दिन की कार्ययोजना बनाने में आसानी होगी।

विशेष प्रदर्शनी – श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर जीपी बिड़ला संग्रहालय में भगवान श्रीकृष्ण और महाभारत विषय पर प्रदर्शनी और ज्ञानवर्धक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया जा रहा है।11 सितंबर तक प्रदर्शनी को सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक देखा जा सकता है।

जन्माष्टमी समारोह – कोलार साई नाथ नगर मां दुर्गा मंदिर गायत्री चेतना केंद्र में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी सुबह 11 बजे मनाई जाएगी। भेल बरखेड़ा यादव समाज इस्कान मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दोपहर 12 बजे मनेगी। इसी तरह कृष्ण मंदिर खजूरीकलां में जन्माष्टमी पर्व के मौके पर धार्मिक अनुष्ठान होंगे। समय : दोपहर दो बजे।

माह का प्रादर्श – इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के अंतरंग भवन वीथि संकुल में ‘माह का प्रादर्श’ श्रंखला के तहत सितंबर माह के प्रादर्श के रूप में जिला मधुबनी, बिहार के लोक समुदाय से संकलित मिथिलांचल क्षेत्र में प्रचलित तांबे के अनुष्ठानिक पात्र ‘कलशा’ को दर्शकों के अवलोकनार्थ प्रस्तुत किया गया है। आप इसे सुबह दस बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक देख सकते हैं।

चित्र प्रदर्शनी – मध्य प्रदेश जनजातीय संग्रहालय की लिखंदरा दीर्घा में भील समुदाय की चित्रकार ग्लोरिया भभोर के चित्रों की प्रदर्शनी सह-विक्रय का संयोजन किया गया है। 41वीं शलाका चित्र प्रदर्शनी सितंबर माह के अंत तक रहेगी। इसे दोपहर 12 बजे से शाम आठ बजे तक देखा जा सकता है।

चारबैत कार्यशाला – मप्र उर्दू अकादमी, संस्कृति परिषद एवं संस्कृति विभाग द्वारा अंश हैप्पीनेस सोसायटी के सहयोग से महिला कलाकारों के लिए 15 दिवसीय चारबैत कार्यशाला चल रही है। कार्यशाला में उस्ताद मुख्तार द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

क्या धारावी की जमीन के मालिक बन जाएंगे अडानी, जानिए असल कहानी?     |     EVM के इस्तेमाल की जिद क्यों? एलन मस्क की टिप्पणी के बाद अखिलेश यादव का सवाल     |     इंस्टा पर दोस्ती, होटल ले जाकर दोस्तों ने किया गंदा काम… सुसाइड से पहले युवक बता गया दर्द भरी दास्तां     |     तांत्रिक ने बीमारी ठीक करने का झांसा देकर महिला से किया दुष्कर्म     |     T20 World Cup: पाकिस्तान के बाहर होने पर सिद्धू ने खोली ICC की पोल, गावस्कर ने भी की खिंचाई     |     संसद में अब 2014 और 2019 वाली स्थिति नहीं…कभी भी गिर सकती है सरकार, स्पीकर पद को लेकर संजय राउत का बड़ा बयान     |     आयकर में दान पर टैक्स छूट के लिए फार्म 10बीई जरूर लें करदाता     |     राहुल गांधी ने छोड़ी वायनाड सीट तो प्रियंका गांधी होंगी उम्मीदवार! अगले तीन दिन में होगा फैसला     |     कोटा कोचिंग सेंटर में IIT की तैयारी करने वाले छात्र ने किया सुसाइड     |     उज्जैन से पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा शुरू, CM मोहन यादव ने दिखाई हरी झंडी     |     1186 सीसीटीवी, 12 भाषाओं में अनाउंसमेंट और वार रूम… दिव्य महाकुंभ को भव्य बनाने की तैयारी में रेलवे     |     PM मोदी कल जेड-मोड़ सुरंग का करेंगे उद्घाटन, भारत के लिए क्यों साबित होगा मील का पत्थर?     |     महाकुंभ में लगी मेगा किचन, रोजाना बनेगा 1 लाख लोगों का खाना… क्रेन से उठेंगे बर्तन     |     इंदौर में स्पीड से गाड़ी दौड़ाने वाले हो जाएं अलर्ट, 25 एंट्री-एग्जिट पाइंट पर लगेंगे हाईटेक कैमरे     |     युवा दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया स्वामी विवेकानंद पर बनी दुनिया की सबसे बड़ी 3-डी रंगोली का अनावरण     |     उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस युवा दिवस के उपलक्ष में 12 जनवरी को सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन होगा। इस मौके पर डॉ.दुबे ने बताया कि सूर्य नमस्कार की एक से 12 स्थितियां प्रार्थना मुद्रा, हस्त उत्तनआसान, पदहस्त आसान, अश्वसंचालन आसन, पर्वतआसान, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, पर्वत, आसान, अश्व संचालन आसन, पदहस्त आसान, हस्तउत्तन आसन, प्रार्थना की मुद्रा का विशेष महत्व है। सूर्य आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक सूर्य नमस्कार का सरल अर्थ, सूर्य को प्रणाम करना है। सूर्य आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है। प्राचीन काल से दैनिक सूर्य उपासना का विधान नित्यकर्म के रूप में होता था। योग में सूर्य का प्रतिनिधित्व पिंगला नाड़ी द्वारा होता है, जो जीवनी शक्ति का बहन करती है। अभ्यास से लाभ प्राप्त होता है उन्होंने कहाकि सूर्य नमस्कार स्वयं में एक पूर्ण साधना है क्योंकि इसमें आसन, प्राणायाम, मुद्रा और ध्यान का समावेश किया गया है। प्रातकालीन अभ्यास प्रारंभ करने के लिए यह सर्वोत्तम अभ्यास है। सूर्य नमस्कार के संपूर्ण अभ्यास से बहुत से लाभ प्राप्त होते हैं। यह शरीर को सबल बनाता है और चयापचाय को संतुलित करता है। स्वशन, पाचन, रक्त परिसंचरण, प्रजनन प्रणाली सहित शारीरिक संस्थानों को उद्दीप्त और संतुलित करता है। जिससे मस्तिष्क को ताजा आक्सीजन प्राप्त होती है। जो मानसिक विकास में वृद्धि करती है। सूर्य नमस्कार व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में सहायक है। इस अवसर पर डाइट स्टाफ सदस्य भी उपस्थित रहे।     |     दतिया में सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के दौरान प्रधानाध्यापक की हार्ट अटैक से मौत     |     लालड़ी बहना योजना की 20 वीं किस्त जारी, 1 करोड़ 27 लाख महिलाओं के बैंक खातो में 1553 करोड़ ट्रांसफर     |     QR Code बदलकर दुकानदारों से ठगी, चालबाज के खाते में पहुंच रहा था ग्राहकों का भेजा पैसा     |     फैक्ट्री से लौट रहे कर्मचारी के साथ लूट, तीन बाइक सवारों ने चाकू से किया हमला     |    

Pradesh Samna
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें