राजगढ़। जिले में 200 और 500 के 40 लाख रुपये के नकली नोट खपाने के इरादे से आरोपित एक कार के माध्यम से भोजपुर के बाजार में जा रहे थे। जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आठ अलग-अलग धाराओं में आरोपितों को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
लोक अभियोजन अधिकारी जेपी शर्मा ने बताया कि जिला न्यायालय राजगढ़ में पदस्थ प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश महेश कुमार माली ने पुलिस थाना भोजपुर के वर्ष 2019 के जाली नोट के प्रकरण में अहम फैसला सुनाते हुए आरोपित सुशील विश्वकर्मा, नासिर खां, रामबाबू मीणा, रईस खां, संतोष राणा, मुस्ताक उर्फ सैय्यद आफताब अली, नाजिम उर्फ नाज मोहम्मद और मुन्ना उर्फ वीरेंद्र को सजा से दंडित किया गया है।
यह है पूरा मामला
8 अक्टूबर 2018 को उप निरीक्षक जितेंद्र अजनारे को मुखबिर से सूचना मिली थी कि तीन व्यक्ति कार में 2000 औरर 500 रुपये के नकली नोट भोजपुर के बाजार में चलाने के लिए कुरावर से निकलने वाले हैं। जिसमें एक शातिर आरोपित नासिर अपने दो साथियों के साथ है। सूचना पर पुलिस द्वारा डूंगरी जोड़ पर मुखबिर द्वारा बताई गाड़ी को रोका गया। जिसमें तीन लोग बैठे हुए थे। तीनों आरोपितों की तलाशी लेने पर उनके पास से लाखों रुपए के 2000 ओर 500 के नकली नोटों की गड्डियां मिली। आरोपित सुशील ओर नासिर के कब्जे से 32 बोर की एक एक पिस्टल ओर जिंदा कारतूस भी मिले।
आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि उन्होने नर्मदापुरम के बाबई क्षेत्र में उनके दो साथी रईस और संतोष राणा की मदद से लैपटॉप और प्रिंटर से नकली नोट छापे थे। जिन्हें भोपाल निवासी मुश्ताक नाम के व्यक्ति को डिलेवरी करना है। हमारा एक अन्य साथी मुन्ना उर्फ वीरेंद्र पटेल भी 70 नकली नोट चलाने गया है।
नोट छापने के सामान के साथ पकड़े आरोपित
आरोपितों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर उपनिरीक्षक जितेंद्र अजनारे द्वारा नर्मदापुरम के बाबई में जाकर आरोपित रईस खां और संतोष राणा को नोटों की छपाई करते हुए लैपटॉप और प्रिंटर समेत अन्य सामान के साथ पकड़ा गया।
आरोपित रईस ने पूछताछ में बताया कि 2000 और 500 के नकली नोट नाजिम नाम के व्यक्ति के पास भी रखे है। आरोपितों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर शेष आरोपियों की धरपकड़ की गई। वहीं कोर्ट में चले प्रकरण के बाद कोर्ट ने आरोपितों को सजा सुनाई है।
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