ग्वालियर। जिला अस्पताल मुरार में सोमवार से जांच लैब चालू हो जाएगी जिसके बाद मरीजों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। तीन दिन लैब शिफ्ट होने के चलते जांच लैब बंद रही। हालांकि जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का दौर घटने का नाम नहीं ले रहा है। डाक्टर मरीजों को न केवल अस्पताल के बाहर की दवा लिख रहे हैं बल्कि मन मुताबित जांच कराने के लिए चिन्हित प्राइवेट पैथोलाजी लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर में भी मरीजों को भेजा जा रहा है। उसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे बैठे हुए हैं।
पैथोलाजी को अन्य जगह किया गया है शिफ्ट
दरअसल जिला अस्पताल में निर्माण कार्य के चलते पैथोलॉजी को अन्य जगह शिफ्ट किया जा रहा है। जिस कारण पैथोलॉजी का काम पूरी तरह ठप्प हो चुका है। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने निर्णय लिया था कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की जांचे सिविल अस्पताल में कराई जाएगी। इसके लिए अस्पताल में एक कलेक्शन सेन्टर शुरू किया जाएग, जहां मरीजों का रक्त नमूना लेकर सिविल अस्पताल में जांच के भेजा जाएगा। इसके अलावा ओपीडी में आने वाले मरीजों को जांचों के लिए सिविल अस्पताल भेजा जाएगा। लेकिन अस्पताल में ओपीडी तो दूर भर्ती मरीजों तक के लिए आज दिन तक कोई कलेक्शन सेन्टर ही शुरू नहीं किया गया है और जांचे निजी पैथोलॉजी में कराई जा रही हैं।
डाॅक्टर पर्चियों में लिख रहे है प्रायवेट पैथोलाजी का नाम
इतना ही नहीं ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों को कुछ चिकित्सक एक सादा पर्ची पर पैथोलॉजी का नाम तक लिख कर दे रहे हैं। वहीं भर्ती मरीजों की जांचे भी निजी पैथोलॉजी में कराई जा रही है। ऐसे में जो मरीज निजी पैथोलॉजी पर जांच कराने के सक्षम हैं, वह तो जांच करा ले रहे हैं। लेकिन गरीब मरीज अस्पताल की पैथोलॉजी शुरू होने के इंतजार में है। ऐसे में यहां आने वाले गरीब तबके के लोग अस्पताल में तैनात चिकित्सकों की मनमानी से खासे परेशान हैं, लेकिन इस पर न तो कोई जिम्मेदार रोक लगा पा रहा है और न ही जनप्रतिनिधि इस मामले को संज्ञान में ले रहे है। जिला अस्पताल में होने वाले अधिकारियों के निरीक्षण भी इस कमीशन के खेल को बंद नहीं कर पा रहे।
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