इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि भारत और अधिक अंतरग्रहीय मिशन लॉन्च करने में सक्षम है और अंतरिक्ष एजेंसी का उद्देश्य अंतरिक्ष क्षेत्र के विस्तार के माध्यम से पूरे देश का विकास करना है, वह मून मिशन की ऐतिहासिक सफलता के बाद पहली बार शनिवार रात केरल की राजधानी पहुंचे, इस दौरान तिरुवनंतपुरम में इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उन्होंने यह बात रही, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार की सुबह इसरो वैज्ञानिकों को बधाई देने के लिए ग्रीस से सीधे बेंगलुरु पहुंचे, उन्होंने कहा, “जहां तक हमारा सवाल है, न केवल सॉफ्ट लैंडिंग, बल्कि चंद्रयान-3 के सभी पहलू 100 फीसदी सफल रहे, पूरे देश को इस पर गर्व है और वह हमें समर्थन दे रहा है.” इस दौरान इसरो चीफ ने उत्साहित होकर कहा कि वह और उनके सहयोगी इसरो की ऐतिहासिक उपलब्धि का हिस्सा बनकर खुश और गौरवान्वित हैं, उन्होंने लोगों से उनके भविष्य के प्रयासों में अपना समर्थन जारी रखने का अनुरोध किया, एस सोमनाथ ने कहा, “हम चंद्रमा, मंगल या शुक्र पर ट्रैवल करने में अधिक सक्षम हैं…लेकिन, हमें इसके लिए अपना आत्मविश्वास बढ़ाना होगा…इसके अलावा इन्वेस्टमेंट भी बेहतर होना चाहिए. ” हमारे अंतरिक्ष क्षेत्र का और विस्तार होना चाहिए, उन्होंने कहा कि पूरे देश के विकास में योगदान देना ही इसरो का उद्देश्य है, सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित आदित्य-एल1 के बारे में पूछे जाने पर एस सोमनाथ ने कहा कि सेटेलाइट तैयार है और श्रीहरिकोटा पहुंच गया है, इसके आगे एस सोमनाथ ने कहा, ”सितंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च की उम्मीद है और फाइनल डेट की घोषणा दो दिनों में की जाएगी”। इस लॉन्च के बाद, पृथ्वी से लैग्रेंज पल्वॉइंट 1 (एल1) तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे, तब तक हमें इंतजार करना होगा, उन्होंने आगे कहा कि चंद्रयान -3 के रोवर और लैंडर दोनों ने तस्वीरें ली हैं, इसरो चीफ ने कहा कि इसरो टीम आने वाले दिनों में और बेहतर क्वालिटी इमेज का इंतजार कर रही है, फिलहाल वे चंद्रमा के बारे में साइंटिफिक स्टडी और रिसर्च पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे थे, भारत ने बुधवार को इसरो के तीसरे मून मिशन चंद्रयान -3 के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) के चंद्रमा की सतह पर उतरने के साथ ही इतिहास रच दिया, भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन गया, इसके साथ ही पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह यानी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने वाला पहला देश बन गया, पीएम मोदी ने शनिवार को घोषणा की है कि जहां चंद्रयान -3 विक्रम लैंडर ने सॉफ्ट लैंडिंग की थी, उसे “शिव शक्ति पॉइंट” नाम दिया जाएगा, जबकि 2019 में चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर चंद्रयान -2 लैंडर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उसे ‘तिरंगा प्वाइंट’ के नाम से जाना जाएगा, इसके साथ ही 23 अगस्त, जिस दिन चंद्रयान-3 लैंडर चंद्रमा की सतह पर पर उतरा, उस दिन को नेशनल स्पेस डे के रूप में मनाया जाएगा’,