ब्राह्मण वोट बैंक को साधने के लिए सीएम शिवराज ने चला दांव, राजेंद्र शुक्ला को मैदान में उतारने से विंध्य में मान जाएंगे पंडित जी लोग?
पिछले काफी समय से चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए शिवराज सरकार ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। इस मंत्रिमंडल में रीवा से चार बार के विधायक राजेंद्र शुक्ला को जगह मिली है। शुक्ला को विंध्य क्षेत्र में पार्टी का कद्दावर चेहरा माना जाता है।
मध्य प्रदेश में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में रीवा से चार बार के विधायक राजेंद्र शुक्ला को जगह मिली है। शुक्ला को विंध्य क्षेत्र में पार्टी का मजबूत चेहरा माना जाता है। उन्हें चौथी बार मंत्री पद मिला है। 2003 में पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की सरकार में उन्हें आवास एवं पर्यावरण राज्य मंत्री बनाया गया था। उसके बाद दूसरी बार उन्हें 2008 में शिवराज सरकार में ऊर्जा एवं खनिज साधन मंत्री बनाया गया। 2013 में उन्होंने तीसरी बार उद्योग नीति एवं निवेश संवर्धन कैबिनेट मंत्री का कार्यभार संभाला। इसके साथ ही उनको मध्य प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम का अध्यक्ष भी बनाया गया था।
2018 विधानसभा चुनावों में वह चौथी बार विधायक बने, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और जब भाजपा ने सत्ता संभाली तो सिंधिया समर्थक विधायकों को मंत्री बना दिया गया। हालांकि राजेंद्र शुक्ला को मंत्री पद नहीं मिलने के कारण विंध्याचल में काफी नाराजगी थी। यह क्षेत्र ब्राह्मण बहुल माना जाता है, जिसे साधने के लिए आखिरी में शिवराज सिंह चौहान ने अब उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी है। विंध्य में पार्टी के कद्दावर नेता राजेंद्र शुक्ला के नेतृत्व में रीवा जिले की 8 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया था। शुक्ला की गिनती मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी लोगों में होती है।
ब्राह्मण मतदाताओं को साधने की कोशिश चौथी बार शिवराज सिंह मंत्रिमंडल में राजेंद्र शुक्ला को स्थान नहीं मिला था, लेकिन अब चुनाव से 100 दिन पहले मंत्री पद देकर पार्टी ब्राह्मण मतदाताओं को साधने का प्रयास कर रही है। सीधी पेशाब कांड को लेकर आरोपी प्रवेश शुक्ला का घर गिराए जाने के बाद ब्राह्मण समुदाय शिवराज सिंह से काफी नाराज चल रहा था। अब देखना यह होगा कि सीएम शिवराज का यह दांव इस नाराजगी की भरपाई कर पाएगा या नहीं।