भोपाल। जेल के कर्मचारियों को बंदियों को अदालत में पेशी पर ले जाने के अलावा उपचार के लिए अस्पताल ले जाते समय काफी सजग रहना पड़ता है। अक्सर चूक होने पर बंदी भाग निकलते हैं। कई बार उद्दंड अपराधी जेल के कर्मचारियों के साथ अभद्रता से भी पेश आते हैं, लेकिन जेल के कर्मचारी जरूरत पड़ने पर मानवता का परिचय देना नहीं भूलते। हाल ही में इसका एक उदाहरण सामने आया। राजधानी में स्थित केंद्रीय कारागार (सेंट्रल जेल) में सजा काट रहे एक कैंसर पीड़ित बंदी को तकलीफ बढ़ने पर गुरुवार दोपहर को जवाहरलाल नेहरू कैंसर चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। चिकित्सक ने उसे फौरन खून चढ़ाने की जरूरत बताई। इस पर जेल प्रहरी ने तुरंत आगे आया और बंदी की खातिर एक यूनिट रक्तदान करते हुए उसकी मदद की।
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दरअसल जेल प्रहरी दीपेश इंगले गुरुवार को जेल कर्मचारियों के साथ बीमार बंदियों को अस्पताल में भर्ती कराने हमीदिया एवं कैंसर अस्पताल गए थे। उनमें से मुख के कैंसर से पीड़ित जयराम नाम का एक बंदी भी शामिल था। जयराम को जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल ले जाया गया था। वहां चेकअप करके डाक्टर ने उसे आपरेशन के लिए भर्ती कर लिया। साथ ही उसकी हालत गंभीर देखकर चिकित्सकों ने तत्काल खून की आवश्यकता बताई। अस्पताल में ‘ओ पाजिटिव’ खून उपलब्ध भी नहीं था। जेल प्रहरी दीपेश ने तुरंत जांच करवाते हुए एक यूनिट रक्त बंदी के लिए दान कर दिया। जेल के अधिकारियों के प्रहरी के सेवा भाव की सराहना की है।
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